मेरी रसना से श्याम ही श्याम नाम निकले
मेरी रसना से शाम श्याम नाम निकले, हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।मेरी रसना से शाम श्याम नाम
मेरी रसना से शाम श्याम नाम निकले, हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।मेरी रसना से शाम श्याम नाम
श्याम थारी मोरछड़ी, श्याम थारी मोरछड़ी, श्याम थारी मोरछड़ी ………… मोरछड़ी के झाड़े की क्या बात है, जिसको लग जाए
श्याम मोरछड़ी लहरादे सारे संकट कट जाएँ, है फँसी भंवर में नैया मेरी पार हो जाए… जब जग ने मुझे
दुनिया से जो तू मांगे, तेरी शान जायगी, यारी तू निभाले श्याम से, तेरे काम आयगी……. माया के बंधन तोड़ो,
मुझको तो बस मेरे श्याम बाबा चाहिये, श्याम नगरी में मकान होना चाहिये, बाबा तेरी नगरी में मकान होना चाहि…..
हारे का सहारा..बाबा श्याम हमारा….. कलयुग में बज गया डंका, खाटू के बाबा श्याम का, है देश विदेश में चर्चा,
भक्तों को दर्शन दे गई रे…….. जय जय जय श्री श्याम,जय जय जय श्री श्याम, भक्तों में श्याम रस चढ़
कलयुग में बाबा श्याम का जादू, भक्तो के सर चढ़ जाएगा, अब दुनिया का बच्चा बच्चा, बस जय श्री श्याम
जिसने तेरे दर पे शीश झुकाया, उसको तूने अपने गले लगाया, क्या क्या तूने उसको नहीं दिया है, जिसने भी
फूलों में नज़ारों में ना यारों के महफ़िल सजाने से, जो ख़ुशी मिलती मुझे खाटू आ जाने से, खाटू आ