मेरे शंकर मेरे शंकर पधारो जरा
मेरे शंकर मेरे शंकर पधारो जरा, मुझपे आई बहलाओ को दूर करो जरा, मेरी पुकार सुनो इक बार हर बोले
मेरे शंकर मेरे शंकर पधारो जरा, मुझपे आई बहलाओ को दूर करो जरा, मेरी पुकार सुनो इक बार हर बोले
कन्ना दे विच मुंदरा पाइया, सिर ते उसने जटा सजाइया, भंग प्याला पीवे नाले खावे आक थतुरा गोरा नी तेरा
भोले बाबा से मिलना असान नही थोडा कष्ट उठाना पड़ता है कभी गाड़ी से कभी घोड़े से कभी से पेदल
भोले नाथ से निराला गोरी नाथ से निराला कोई और नही माथे जिनके चंदा सोहे गल सर्पो की माला, ऐसा
भोले तेरा डमरू कमाल भाजे रे माथे पे है चंदा बेमिसाल साझे रे तिरशूल हाथ तन बस्म रमाये हुए, काले
सझ धज भोले भंडारी आये है, नंदी पे सवारी विष धरी आये है, आई भोले की बारात ऋषि देव गण
आया सावन झूम के मियां नाचे नो नो तार, तेरे दर पे जो भी आवे हॉवे मालामाल, मुझको भी इक
भोले बाबा भोले बाबा भोले बम बम, तेरे ही सहारे मेरे मिटे सारे गम, तूने और मुझको जीने ना दिया,
शिव शंकर मेरे भोले जी का सब से अलग अंदाज पूरी करते सब की ईशा कभी न तोड़े आस रे
नमामीशमीशान निर्वाण रूपम् विभुम् व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम् ॥ निजं निर्गुणम् निर्विकल्पं निरीहम् । चिदाकाशमाकाश वासं भजेअ्हम् ॥1॥ निराकारमोंकार मूलं तुरीयम्