
ये धरती अम्बर सारा
ये धरती अम्बर सारा श्री कालेश्वर ने सवारा, अब हम ये कहे देवा से के तेरे सिवा कोई नहीं, तर

ये धरती अम्बर सारा श्री कालेश्वर ने सवारा, अब हम ये कहे देवा से के तेरे सिवा कोई नहीं, तर

जब जब ये मन घबराये तुम प्राथना करो, जब राह नजर ना आये तुम प्राथना करो, चारो तरफ अँधियारा छाये

मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंदा गोरख धंदा गोरख धंदा राम मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंदा धरती

मेरे घर की आन वान और शान हो बेटी तुम, सच पूछो तो पापा की जान हो बेटी तुम जब

जय अग्रसेन महाराज तेरी महिमा भारी बजता डंका जग में पूजे दुनिया सारी जय अग्रसेन महाराज……………. महाभारत के रण में

मन लागो मेरो यार फकीरी में । जो सुख पावो राम भजन में, सो सुख नाही अमीरी में ॥ भला

मोहे सुन सुन आवे हासी पानी में मीन प्यासी, आतम ज्ञान बिना नर भटके कोई मथुरा कोई काशी, मिरगा न

मैं पागल हो गयी रे खोलीवाले के प्यार में मैं पागल, मैं पागल, मैं पागल हो गयी हाय हाय खोलीवाले

न कहीं से दूर हैं मंजिलें, न कोई करीब की बात है । जिसे तुम ने दर पे बुला

जो देवे धोखा यार नै वो यार नही यार वो जान जो मांगे इनकार नही जो देवे धोखा यार नै