हे गोरी गोगा जी के द्वार चले
हे गोरी गोगा जी के द्वार चले अब के बोलो संग, बलम जी हो जा बेडा पार चले मेरे मन
हे गोरी गोगा जी के द्वार चले अब के बोलो संग, बलम जी हो जा बेडा पार चले मेरे मन
साडा पीरा ने चल्या कारोबार भगतो, ओह्दी रेहमत ने साहनु दिता तार भगतो, मेरा काका भी है भेज दिता बाहर
हंसा ये पिंजरा नहीं तेरा, कंकर चुन चुन महल बनाया, लोग कहे घर मेरा, ना घर तेरा ना घर मेरा,
नदिया ना पिए कभी अपना जल, वृक्ष ना खाए कभी अपने फल । अपने तन का मन का धन का
सजी रहे राहे उनकी फूलो से सदा कभी कोई गम उन्हें पाए न सता, बुरा चाहे हो वो चाहे भला
आज रविवार है सुरये देव का वार है, इन से जग उजयार है, नव ग्रहो में शक्तिशाली महिमा अप्रम पार
चोंक चोराहो पर मौत खड़ी है श्मशानो में देखो भीड़ भरी है कोई न अपना तेरा अगन लगाये तू क्यों
जिंदल कुल की महारानी लजवाना की सेठानी, सारी दुनिया में डंका भाजे तेरी जय हो माँ कल्याणी, भक्तो का कल्याण
दूसरो का दुखड़ा दूर करने वाले, तेरे दुःख दूर करेंगे राम । किये जा तू जग में भलाई का काम,
पल पल बीती जाए उमेरियां विरथा जन्म गवाया, ना राम नाम की धुनी रमाई कभी न हरी गुण गाया हे