
अजमलजी न दर्शन दीन्हा कृष्ण मिल्या समुन्द्र माही
अजमलजी न दर्शन दीन्हा, कृष्ण मिल्या समुन्द्र माही मांग मांग रे भगत हमारा, अब कर दया तेरी मन चाही हाथ

अजमलजी न दर्शन दीन्हा, कृष्ण मिल्या समुन्द्र माही मांग मांग रे भगत हमारा, अब कर दया तेरी मन चाही हाथ

माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती, और इसकी बात तो भगवान से भी टाली नहीं जाती, बर्तनों को मांजकर

जाग पियारी अब का सोवै रैन गई दिन काहे को खोवै जिन जागा तिन मानिक पाया तैं बौरी सब सोय

खैर झोली विच पुत्र दी पा दे तानिया तो जग दे बचा दे, मैं मंगदी नि मैल माड़ी आ, खैर

प्रभु तेरे चरणों का वंदन, करें नित आनंद मगन होकर, ऐसी कृपा प्रभु बरसाना, तेरा करते रहें सुमिरन, माया मोह

तेरे दर दीये शान निराली बाबा मेरा जंडा वालेया, खाली मुड़िया न कोई भी सवाली, बाबा मेरा जंडा वालेया बटुक

ॐ श्री नानु सत्ये नमः दादी दिव्ये नमो नमः सुहासड़ा वासिनी नमो नमः नानु सती माँ नमोस्तुते || संकट हारिणि

बाला मैं बैरागन हूंगी – २ जिन भेषा मेरो साहब रीझे सोहि भेष धरूंगी बाला मैं बैरागन हूंगी कहो तो

तेरो नाम तेरो नाम सांचो बाबोसा तेरो नाम तेरो नाम तेरो नाम तू ही माता, तू ही पिता है, तू

एक ही उस माँ की हम दोनों संतान, एक बना हिन्दू तो एक मुसलमान॥ एक जाके मंदिर में घंटा वजाए,