ये मेरा मन एक सागर है
ये मेरा मन एक सागर है सागर का तू किनारा है तू किनारा है , मेरे मन के सूने अम्बर
ये मेरा मन एक सागर है सागर का तू किनारा है तू किनारा है , मेरे मन के सूने अम्बर
गुड़िया तेरे आँगन की, छोड़ चली मैं बाबुल का घर होकर अपने साजन की, गुड़िया तेरे आँगन की, मत रो
मैं हु भेरो नाथ अघोरी मुझको मत न समज टपोरी न हलवा पूडी आते राज मंगाए दे मुझको मदिरा मॉस
मैया के मन की ये रानी, बाबा का आँगन छोड़ चली। भैया जी सर पे चढ़ावे बलईया लेती भाभियाँ भी…
तुझसे हमने दिल है लगाया , जो कुछ है बस तू ही है हर दिल में तू ही है समाया
जय श्री बाबोसा भगवान देव ये कलयुग के महान जिसने प्रेम से लिया है इनका नाम रे उनके बन जाये
नैनो से छलके प्यार ओ बाबा नैनो से छलके प्यार, पाए है सुख संसार ओ बाबा पाए है, निर्मल निर्मल
ॐ अल्फ नू सिमरो इक्को रूप है तिंना दा, खुदगर्जी ते मतलब प्रस्ति झगड़ा पाया जिन्हा दा, सब नू रोजी
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकानामुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकानातुझे मिल
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,गुरुदेव सांवरिया मेरेप्रभु तुम्हे छोड़ मैं जाऊं कहांमैं तो आन पड़ा हूँ दर तेरे,गुरुदेव सांवरिया