
शबद री लागे सो नर जाणे
शबद री लागे सो नर जाणे की दूजा काई जाणे भाई राम ने लागी लखन ने लागी लागी सीता माई

शबद री लागे सो नर जाणे की दूजा काई जाणे भाई राम ने लागी लखन ने लागी लागी सीता माई

हवा च उड़दा जावे बाज़ मेरे गोबिंद दा, सतनाम वाहेगुरु गावे बाज़ मेरे गोविन्द दा, पिता गुरा दा तेग बहादुर,

आई माझी मायेचा सागर दिला तिने जीवना आकार आई वडिल माझे थोर काय सांगू त्यांचे उपकार जीवनाच्या वाटेवरती किती अस्तो

करवे की रात है पिया जी का साथ है, बदली में छुपा कहा चंदा तू आज है, करवे की रात

हर और उजाला है हर और दीवाली है, इंसान तेरी दिल की क्यों चादर काली है, हर जगहे खड़ी कर

जय जनक नंदिनी जगत वंदिनी जग आनंद श्री जानकी रघुवीर नयन चकोर चन्दिनी श्री वल्लभा प्रिय प्राण की तब कंज

होने लगी है श्याम कृपाअब नजदीक आ रहे हो,नैनों के रास्ते प्रभुदिल में समा रहे हो..!! चढ़ने लगा खुमार मुझेमस्ती

ये मेरा मन एक सागर है सागर का तू किनारा है तू किनारा है , मेरे मन के सूने अम्बर

गुड़िया तेरे आँगन की, छोड़ चली मैं बाबुल का घर होकर अपने साजन की, गुड़िया तेरे आँगन की, मत रो

मैं हु भेरो नाथ अघोरी मुझको मत न समज टपोरी न हलवा पूडी आते राज मंगाए दे मुझको मदिरा मॉस