
तू अपने हिसे की नेकिया
तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले, वक़्त कही ये रूठ ना जाये कुछ तो वक़्त से

तू अपने हिसे की नेकिया वक़्त के रहते कर ले, वक़्त कही ये रूठ ना जाये कुछ तो वक़्त से

सात मंजिला देह मिली है,सात चक्रों से सजा मकान ।क्यों विश्वास नहीं करते हो ,व्यर्थ गंँवाते मन और प्राण। मूलाधार

अमर आत्मा सच्चिदानद मैं हूँ,शिवोहं शिवोहं शिवोहं शिवोहं।अखिल विश्व का जो परमात्मा है,सभी प्राणियो का वो ही आत्मा है,वही आत्मा

हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करे । दूसरो के जय से पहले खुद को जय करे । भेद

माँ की दुआवों से ही चले ये ज़माना, कभी अपनी माँ का तू दिल न दुखाना, ये ममता का फ़र्ज़

छैल चतुर रंग रसिया रै भँवरा, छैल चतुर रंग रसिया रै भँवरा, पर घर प्रीत मत कीजै, पराई नार आ

सब साथी है प्यारे मतलब के दुनिया में हमारा कोई नही भाग बगीचा मेहल बनाया रेहने वाला कोई नही, रेहने

दस बन्दिया नाम केहड़े वेले जपिया, काम ते क्रोध कोलो गया ता तू बचेया, दस बंदियां नाम …………. बारा साला

धनवानों का मान है जग में निर्धन का कोई मान नहीं ऐ मेरे मालिक मुझे बता दे निर्धन क्या इंसान

तर्ज- में से बिना तेना साकी से…. जर से जमी से ना जन्नत से ना जमाने से दिल बहलता है