दो नैनों में भर प्रितम तुझे
दो नैनों में भर प्रितम तुझेखुद ही खुद इतराती हूं रसना ना बोले ना सहीहर धड़कन में हरि को पाती
दो नैनों में भर प्रितम तुझेखुद ही खुद इतराती हूं रसना ना बोले ना सहीहर धड़कन में हरि को पाती
हो जावो तैयार प्रजापति , हो जाओ तैयार -॥ अर्पित कर लो तन मन धन, समाज सेवा में लगा दो
तर्ज – में ना भूलूंगा …. हार नही होगी , हार नही होगी, हार नही होगी , हार नही होगी
श्री कुबेर जी है भंडार भरते ध्यान हिरदये में जो इनका धरते, संग लक्ष्मी जी है आज्ञा कारी पूजती है
किस धुन में बेठा वन्वारे तू किस मध में मस्ताना है, सोने वाले जाग जा संसार मुसाफिर खाना है, क्या
म्हारी लगी राम से प्रीत म्हारी लगी हरी से प्रीत राणोजी करमाँ रो संगाती राणा कोई भी नहीं एक माता
अरे रे दर्श कारणे भेरू आया सोनाला माय दर्शन दीजो टाबरिया जोवे बाट अरजी सुनजो थाने जोडा दोनु हाथ अरजी
रामासा थारा दर्शन की मन मे लागी रे कलयुग रा हो अवतारी,रूणिचा आप विराजै भक्ता री पैदल टोल्या आगी रे़
स्वार्थ की दुनिया को छोड़के. आया बाबोसा तेरे द्वार… स्वार्थ की दुनिया को छोड़के , आया में तेरे द्वार सुनलो
राम मिलिया घनश्याम मिलिया बड़े भाग ओहना से अच्छे जिन्ना नु प्रभु राम मिलिया ऋषि मुनि सब लब्ब लब्ब थक्के