मैया अमरकंट वाली तुम हो मा भोली भाली
मैया अमरकंट वाली तुम हो मा भोली भाली तेरे गुण गाते है साधु मा बजा बजा के ताली भूरे मगर
मैया अमरकंट वाली तुम हो मा भोली भाली तेरे गुण गाते है साधु मा बजा बजा के ताली भूरे मगर
राज़ी प्रभु दी राजा दे विच रहिए, नज़ारा लईए ओहदी मौज दा। ओहदी मार वी प्यार नाल सहिए, नज़ारा लईए
कुछ लेना ना देना मगन रहना | पांच तत्व का बना है पिंजरा, भीतर बोल रही मैना | तेरा पिया
मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो, ये चित्रगुप्त महाराज के दर पे शीश निभाये हो, मन मुश्काराये भगति से
मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की राम का नाम ना तूने लिया श्याम का नाम ना
बिना प्रेम धीरज नहीं, बिरह बिना बैराग.. सतगुरु बिना ना छुटिहै, मन मनसा की दाग बिना प्रेम धीरज नहीं ..
सत्य नाम का सुमिरन कर ले कल जाने क्या होय जाग जाग नर निज आश्रम में काहे बिरथा सोय सत्य
दादीजी थारो खूब करा मनुहार जी पधारो म्हारे आंगणिए जगदम्बा थारो खूब करां मनुहार जी पधारो म्हारे आंगणिए सती दादी
तू को ठौर मेलेगो ना कोरोनो तेरो नास जाएगो तेने ब्रज वासीन को छीन लियो जलेबी और कचोरी को दोना
ईगो इक नशा है इसे छोड़ कर देखो, जीवन को थोड़ा सा मोड़ कर देखो, ईगो की बजा से है