मैं कम करदी रेहनी आ मेरी सूरत पीरा दे विच रेहँदी
मैं कम करदी रेहनी आ मेरी सूरत पीरा दे विच रेहँदी, पीरा दी दरगाह ते जावा झाड़ू फेरा पोचे लावा,
मैं कम करदी रेहनी आ मेरी सूरत पीरा दे विच रेहँदी, पीरा दी दरगाह ते जावा झाड़ू फेरा पोचे लावा,
सुनो रे भाई, प्रभु के भरोसे गाडी, हरी के भरोसे हांको गाडी। ना जाए कब टूट पड़े, माथे पे काल
मुश्किलें कुछ भी नहीं है इनसे तू कभी ना डर ख्वाब बन जायेंगे हकीकत तू जरा हिम्मत तो कर तू
समय को भरोसो कोनी कद पलटी मार जावे, कदीकदी भेडिया से सिंह हार जावे गुरु वशिष्ट महा मुनि ज्ञानी लिख
क्यों गंगू तू माडीया चाला घड़ियाँ वे, क्यों लवाईया लाला नु हथ घड़ियाँ वे, ओये गंगू पापियाँ वे हतियारेया, दो
अरे मन मुसाफिर निकलना पड़ेगा। ये काया का घर खाली करना पड़ेगा ॥ किराये के क्वाटर को तू क्या सम्भाले,
जां ने साचा सतगुरु मिल ग्या बांकी सुरता जागी धुणो तपे राम को होवे कोई बड़ भागी इस धूणे पर
गंगा यमुना सरस्वती संगम की महिमा निराली, इनके तट पर लगा है कुंभ का मेला भारी, आया मेला कुंभ का
ओ भगवान् को भजने वाले मन में धर ले ध्यान भाव बिन मिले नही भगवान दुर्योधन की छोड़ी मेवा भाई
आओ भगतो तुम को सुनाये पांच के अंक की लीला बताये मान जाएगा सारा जहान पांच अंक जग में महान