
कुछ लेना ना देना मगन रहना
कुछ लेना ना देना मगन रहना | पांच तत्व का बना है पिंजरा, भीतर बोल रही मैना | तेरा पिया

कुछ लेना ना देना मगन रहना | पांच तत्व का बना है पिंजरा, भीतर बोल रही मैना | तेरा पिया

मन मुश्काराये भगति से जियराइ जुड़ाये हो, ये चित्रगुप्त महाराज के दर पे शीश निभाये हो, मन मुश्काराये भगति से

मार लो डुबकी मार लो डुबकी गंगा बहती नाम की राम का नाम ना तूने लिया श्याम का नाम ना

बिना प्रेम धीरज नहीं, बिरह बिना बैराग.. सतगुरु बिना ना छुटिहै, मन मनसा की दाग बिना प्रेम धीरज नहीं ..

सत्य नाम का सुमिरन कर ले कल जाने क्या होय जाग जाग नर निज आश्रम में काहे बिरथा सोय सत्य

दादीजी थारो खूब करा मनुहार जी पधारो म्हारे आंगणिए जगदम्बा थारो खूब करां मनुहार जी पधारो म्हारे आंगणिए सती दादी

तू को ठौर मेलेगो ना कोरोनो तेरो नास जाएगो तेने ब्रज वासीन को छीन लियो जलेबी और कचोरी को दोना

ईगो इक नशा है इसे छोड़ कर देखो, जीवन को थोड़ा सा मोड़ कर देखो, ईगो की बजा से है

एक वेला करी या दु:खा वेगले दुरिताचे जाले ऊगओनि आठवीण पाय हा माझा नवस रात्री हि दिवस पान्डुरंगा आठवीण पाय

ओ धनी म्हारा कोतोदी थलिया में थारो देवरों ए रामा धनी झिणी झिणी उड़े वो गुलाल रे घोडे रा बाजे