
श्याम नाम रस पी ले मनवा
श्याम नाम रस पी ले मनवा बून्द बून्द गुणकारी है,कितने पी कर अम्र हो गए इस रस के बलिहारी है,श्याम

श्याम नाम रस पी ले मनवा बून्द बून्द गुणकारी है,कितने पी कर अम्र हो गए इस रस के बलिहारी है,श्याम

ये मेरा मन एक सागर है सागर का तू किनारा है तू किनारा है ,मेरे मन के सूने अम्बर में,

लगन लगी की करिये हून लगन लगी ना जी सकिये न मारिये अब लगन लगी, लगन लगी की करिये हून

हे ईश्वर सब सुखी हों कोई ना हो दुखहारी, सब हो निरोग भगवन धन्य धन्य के भंडारी, सब भद्र भाव

इतनी शक्ति, हमें देना दाता, मनका विश्वास, कमजोर हो ना, हम चलें नेक, रस्ते पे हमसे, भूलकर भी, कोई,

तु दयालु दीन हौ , तु दानि हौ भिखारी, हौ प्रसिद्ध पार्टी , तु पाप पुंज हारी, नाथ तु अनाथ

चेत रे दीवाना थारो अवसर जाय माया ठगोरी तूख ठगी ठगी खाय सावधान शब्द को तुन भेद नहीं पायो हरि

ना कर माडा बंदियां पिछो पछतावेगा, हाथ दी ता खो लावे गा मथे दी किदा खोवेगा ना कर माडा बंदियां

तेरा मंगल तेरा मंगल तेरा मंगल होय रे सबका मंगल, सबका मंगल, सबका मंगल होय रे जिस गुरुदेव ने धरम

बहे सत्संग का दरिया, नहा लो जिस का जी चाहे, करो हिमत लगा डुबकी, नहा लो जितना जी चाहे, बहे