पिजरें में बैठा सोचता है
पिजरें में बैठा सोचता है पंक्षी फूलों का मोसम तो बीत गया हो गया ये दुनिया तो तूने दिखा दी
पिजरें में बैठा सोचता है पंक्षी फूलों का मोसम तो बीत गया हो गया ये दुनिया तो तूने दिखा दी
मत दे रे बीरा माता को दोष करमा की रेखा न्यारी न्यारी रे, एक माई के बेटा चार, चारो की
कसम रब दी मै मर जांवा तेरे दिदार तो बीना , हो मेरे दिल दा कमरा सुना है मेरे प्यार
गाँव सुआप में जन्म लूयो हैं थे ॥ साठीका परन्या जी, आओनी आओनी म्हारी करणी मैया, आप आया म्हारो काज
मधुबन में राधिका नाचे रे गिरधर की मुरलिया बाजे रे मधुबन में राधिका… पग में घुँघर बाँध के घुँघटा मुख
बिणजारी ए हँस हँस बोल, प्यारी प्यारी बोल, बाता थारी रह ज्यासी, बिणजारो मत जाण बातां रह ज्यासी कंठी माला
मेरा दिल में धड़का जाए मेरी सांसे थम थम जाए मुझे प्यार नजर आया मेरा चाँद नजर आया ओ रे
जय बोलो विश्वकर्मा भगवान की आओ उत्सव मनाये देव महान की सारी दुनिया को जिस ने सजाया है मौका उनको
कुर्बान में उनकी बक्शीश के ,मकसद भी जुबां पे लाया नहीं बिन मांगे दिया और इतना दिया, दामन में हमारे
माँ बाप का दिल दुखा तो न दोगे, भुढ़ापे में उनको रुला तो न दोगे, माँ बाप का दिल दुखा