ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे
ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे यह मनवा के वेहवार तेरे, ये जीवन के आधार तेरे, सब जेवो में उस
ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे यह मनवा के वेहवार तेरे, ये जीवन के आधार तेरे, सब जेवो में उस
जगत मे देखी झूठी शान सर्व सुख हरि शरणागत जान चाहे काशी मथुरा जावो,गंगा करो स्नान त्रिवेणी तीर्थ मे न्हावो,करलो
गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी, कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी, यहां आई
प्रीत करे तो ऐसी कीजै, जैसे लोटा डोर, गला फँसाये आपना, पानी पिए कोई और। प्रीत करे तो ऐसी मत
आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन, दर्ष्टि में तेरी खोट है, दुनिया निहारले , गुरु ज्ञान अंजन सारलो
समझ मन माँयलारै, बीरा मेरा मैली चादर धोय बिन धोयाँ दुख ना मिटै रै, बीरा मेरा तिरणा किस बिध होय
प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को, ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा, ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा, प्यासा
लेते हैं विदा हम आपसे गलती क्षमा करना, लेते हैं विदा हम आपसे श्री श्याम भजन गा कर गलती क्षमा
कौन ठगवा नगरिया लूटल हो कौन ठगवा नगरिया लूटल हो || चन्दन काठ के बनल खटोला, ता पर दुलहिन सूतल
प्रभु का नाम जपो मन मेरे, दूर करे वोही संकट तेरे। जीवन रैन बसेरा है, क्या तेरा क्या मेरा है।