करता रहूँ गुणगान मुझे दो ऐसा वरदान
करता रहूँ गुणगान, मुझे दो ऐसा वरदान। तेरा नाम ही लेते लेते, इस तन से निकले प्राण॥ तेरी दया से
करता रहूँ गुणगान, मुझे दो ऐसा वरदान। तेरा नाम ही लेते लेते, इस तन से निकले प्राण॥ तेरी दया से
माँ को कभी तुम भूल न जाना, माँ के चरण में है स्वर्ग सुहाना, जागे पूछो जिन की माँ नहीं
मेरा नाथ तू हैं अकेला नहीं मैं मेरे साथ तू हैं मेरा हाथ तू हैं मेरा नाथ तू हैं चला
चिठी धुर दरगाहो आई सिमरन कर बंदिया, पहिली चिठी आई कोई कीता ना प्रंबध जी, होली होली झड़गे तेरे मुहँ
कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है, जब से तेरी लगन लगी, हुआ मन में सवेरा है, कर
पा के सुंदर बदन कर प्रभु का भजन, जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं, जो भी आया यहां उसको जाना पड़े,
हर फिकर को धुएं में उड़ाता चला गया, बरबादियो का मना न फजूल था, बरबादियो का जश्न मनाता चला गया,
घोडलिया ओ..हो.. घोडलिया घोडलिया तू ठुमक ठुमक रुणिचे जाइजे रे रामाधणी ने लेकर बेगो बेगो आईज़े रे घोडलिया ओ घोडलिया
जल्दी करील बजार उठी जायगा जीवन की रेल छूटी जायगा यमपुरी को टिकट कटी जायगा जीवन की रेल छूटी जायगा
देव धणी को मन्दिर प्यारो , मालासेरी गाँव जी, साडू मां का लाल थांको , जग में मोटो नाम जी,