देव धणी को मन्दिर प्यारो
देव धणी को मन्दिर प्यारो , मालासेरी गाँव जी, साडू मां का लाल थांको , जग में मोटो नाम जी,
देव धणी को मन्दिर प्यारो , मालासेरी गाँव जी, साडू मां का लाल थांको , जग में मोटो नाम जी,
तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का माटी का रे माटी का तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का कान
मन द्विविधा में है भटक रहा स्नमार्ग दिखा दो हे भगवन्, सत्कर्म और अपनी भक्ति की राह दिखा दो हे
गाड़ी मारी सीधी रूणिचा जाई ज्यामे बैठ चलो मेरे भाई ना में लेउ भाड़ो किरायों ना मजदूरी मेरा भाई इण
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम। नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हसते हुये निकले
सोंह रब दी सइयां दा दरबार बड़ा सोहना, रब ने फ़रमाया है मेरा यार बड़ा सोहना, हर रस्ता नकोदर दा
अजब निराली,अजब निराली अजब निराली है प्रभु लीला तेरी अजब निराली है,, तू अजर अमर अज निराकार परमेश्वर देह कभी
तर्ज- स्वर्ग से सुंदर स्वर्ग से सुंदर सपनो से प्यारा , है अपना परिवार ज्यूँ सोने पे सुहागा , वैसे
अति कभी ना करना प्यार है इति तेरी हो जाएगी । बिन पंखों के पंछी जैसे गति तेरी हो जाए
हरी नाम नहीं तो जीना क्या अमृत है हरी नाम जगत में, इसे छोड़ विषय रस पीना क्या काल सदा