
अल्ला तरो नाम इश्वर तेरो नाम
अल्ला तरो नाम, इश्वर तेरो नाम | सब को सन्मति दे भगवान् || मांगो का सिंधूर ना छूटे | माँ

अल्ला तरो नाम, इश्वर तेरो नाम | सब को सन्मति दे भगवान् || मांगो का सिंधूर ना छूटे | माँ

तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्या तारक में छवि, प्राणों में स्मृति पलकों में नीरव पद की गति लघु उर

ज्ञान की बात जो हो नाम तेरा आये, लव्जो में क्या व्यान करू नाम तेरा आये , ज्ञान की बात

मनुष्य जन्म अनमोल रे मिटटी में न रोल रे, अब जो मिला है फिर न मिलेगा- कभी नही कभी नही

पिता रोटी है पिता कपड़ा है पिता मकान है, पिता ननेसे परिन्दे का बड़ा आसमान है, पिता है तो हर

मैं दास मन का, हूँ मन का पुजारी । मेंरा जन्म लेना विफल हो गया ॥ हुआ भाव करलूं, तपस्या

जगी जीवनाचे सार घ्यावे जाणूनी सत्वर॥ जैसे ज्याचे कर्म तैसे फळ देतो रे ईश्वर॥ क्षणीक सुखासाठी अपुल्या, कुणी होतो नितीभ्रष्ट,

तर्ज- मेरा एक साथी है बड़ा ही भोला….. वो प्यारा बाबोसा मेरा रखवाला है, मुझे हर संकट से इन्होंने निकाला

ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे यह मनवा के वेहवार तेरे, ये जीवन के आधार तेरे, सब जेवो में उस

जगत मे देखी झूठी शान सर्व सुख हरि शरणागत जान चाहे काशी मथुरा जावो,गंगा करो स्नान त्रिवेणी तीर्थ मे न्हावो,करलो