आते है नये दौर पुराने नही आते
जो बीत गया वह पल दुबारा नही आते, आते है नये दौर पुराने नही आते, लकड़ी के मकानो मे चिरागे
जो बीत गया वह पल दुबारा नही आते, आते है नये दौर पुराने नही आते, लकड़ी के मकानो मे चिरागे
तू सोच जरा इंसान तेरी क्या हसती है तू दो दिन का मेहमान जगत में करता फिरे गुमान तेरी क्या
हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ जब बोलें तब रामहि राम ब्रह्म मुहूरत उठ कर पंछी प्रभु का ध्यान लगाते हैं
जय हो गंगाराम बाबा जय हो गंगाराम, कष्ट निवारण मंगल दायक हो सब सुख के धाम, बाबा… सच्चे मन से
मेरे दाता तेरे दर उते आके, तेरे चरना च शीश झुका के एह मेरी तकदीर बदली, मेरे दुखा नु तू
हर बात को तुम भूलो भले, माँ बाप मत भूलना। उपकार इनके लाखों है, इस बात को मत भूलना॥ धरती
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया। घर अजमल अवतार लियो लाछां सुगणा करे थारी आरती। हरजी भाटी चंवर ढोले।
सज धज कर जिस दिन मौत की सैहजादी आएगी, न सोना काम आएगा न चांदी आएगी , यदि छोटा तू
इक हाथ कांडी इक हाथ गुनियाँ दुनिया ले रोजगार सी चुनियाँ, जात पात दा फर्क कोई न सब नु कंडे,
कबीरा सोया क्या करे ? बैठा रहू अरु जाग जिनके संग ते बिछलों वाही ते संग लाग ज्यों तिल माही