
गुरूवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी
गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी, कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी, यहां आई

गुरुवर टेकचंद जी जैसा जग में सेठ कोई नी, कड़छा धाम पे आई ने खाली जावे कोई नी, यहां आई

प्रीत करे तो ऐसी कीजै, जैसे लोटा डोर, गला फँसाये आपना, पानी पिए कोई और। प्रीत करे तो ऐसी मत

आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन, दर्ष्टि में तेरी खोट है, दुनिया निहारले , गुरु ज्ञान अंजन सारलो

समझ मन माँयलारै, बीरा मेरा मैली चादर धोय बिन धोयाँ दुख ना मिटै रै, बीरा मेरा तिरणा किस बिध होय

प्यासा हिरन जैसे ढूंढे है जल को, ऐसे प्रभु मैं तुझे ढूंढ रहा, ऐसे प्रभु मैं तुझको खोज रहा, प्यासा

लेते हैं विदा हम आपसे गलती क्षमा करना, लेते हैं विदा हम आपसे श्री श्याम भजन गा कर गलती क्षमा

कौन ठगवा नगरिया लूटल हो कौन ठगवा नगरिया लूटल हो || चन्दन काठ के बनल खटोला, ता पर दुलहिन सूतल

प्रभु का नाम जपो मन मेरे, दूर करे वोही संकट तेरे। जीवन रैन बसेरा है, क्या तेरा क्या मेरा है।

करता रहूँ गुणगान, मुझे दो ऐसा वरदान। तेरा नाम ही लेते लेते, इस तन से निकले प्राण॥ तेरी दया से

माँ को कभी तुम भूल न जाना, माँ के चरण में है स्वर्ग सुहाना, जागे पूछो जिन की माँ नहीं