
हम जननी कहते धरती को।
हम जननी कहते धरती को।यह धरती बसने रहने को। जगत सँवार सनेह दुलारे।हलधर के हित नेह सँवारे। हर पल भू
हम जननी कहते धरती को।यह धरती बसने रहने को। जगत सँवार सनेह दुलारे।हलधर के हित नेह सँवारे। हर पल भू
मित्रों आज मैं आपको मनुष्यों के समयसीमा और देवताओं के समयसीमा में अंतर बताने का प्रयास करूंगा। हालांकि इसका मेरे
उ०- शरीर से आत्मा के वियोग होने को मृत्यु कहते है।प्र०- क्या आत्मा अपनी इच्छा से दूसरे शरीर मे प्रवेश
भारतीय संस्कृति के आधारभूत तथ्य ;- 1-क्या है दो पक्ष?- 1-कृष्ण पक्ष , 2-शुक्ल पक्ष 2-क्या है पञ्च ऋण ?-
जनवरी 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार1 जनवरी, रविवार नव वर्ष प्रारंभ2 जनवरी, सोमवार वैकुण्ठ एकादशी2 जनवरी, सोमवार पौष पुत्रदा एकादशी3
चलन के अनुसार एक गोत्र मे हिन्दुओ की शादी वर्जित है।गोत्र ज्ञान…१.अत्रि गोत्र,२.भृगुगोत्र,३.आंगिरस गोत्र,४.मुद्गल गोत्र,५.पातंजलि गोत्र,६.कौशिक गोत्र,७.मरीच गोत्र,८.च्यवन गोत्र,९.पुलह गोत्र,१०.आष्टिषेण
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद मनुष्य का धर्म तो एक ही है वो है उसका सत्य धर्मसभी मनुष्य
मंदिर में प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है, यह नियम दुनिया के हर मंदिर में है..। इसके पीछे
मंदिरों की छत सपाट क्यों नहीं होती, नुकीली क्यों बनाई जाती है…? मंदिरों की छतों पर एक विशेष प्रकार की
*12:00 बजने के स्थान पर आदित्य लिखा हुआ हैजिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं। 1:00