
” इच्छाशक्ति “
सही अर्थों में सफलता इस बात से नहीं मापी जाती कि हमने जिंदगी में कितनी ऊँचाई हासिल की है, अपितु

सही अर्थों में सफलता इस बात से नहीं मापी जाती कि हमने जिंदगी में कितनी ऊँचाई हासिल की है, अपितु

अर्जन और विसर्जन ये मनुष्य जीवन के दो अहम पहलू हैं। अगर जीवन को ठीक तरह से समझा जाये तो

हम समय की कीमत को भुलते जा रहे हैं।आज का व्यक्ती समय की महत्ता को भुल गया है। समय को

स्वभाव में ही किसी व्यक्ति का प्रभाव झलकता है। व्यक्तित्व की भी अपनी वाणी होती है जो कलम या जिह्वा

*एक आदमी एक सेठ की दुकान पर नौकरी करता था। वह बेहद ईमानदारी और लगन से अपना काम करता था।

मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ . क्यों पिताजी ? और तुम आजकल काका के

अच्छा व्यक्ति ढुढने के लिए पहले हमें अच्छा बनना पड़ेगा यदि हम अच्छे नहीं है तब कोई व्यक्ति अच्छा नहीं

आज का प्राणी मन के द्वार पर बैठा है। मन मेरा मेरी करता है। उसमें अधिक पाने की इच्छाए है।

आज का समय ऐसा आया है कि कोई एक दूसरे को खुश देखकर एक दूसरे से बोल कर भी खुश

मानव जीवन के दो पहलु है और नहीं। व्यक्ति है में जीवन जीता है वह सकरात्मक सोच और दृढ निश्चय