
राजा की साधु-वेशमें बड़ी निष्ठा
जय श्री राम
किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन
जय श्री राम
किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन
मूर्तिकार की अनुभूति गर्भगृह में प्रवेश करते ही मूर्ति की आभा बदल गई रामलला की मूर्ति बनते हुए देखनें रोज
श्रीकृष्ण शयन-कक्ष में कुछ खोज रहे हैं। बार-बार तकिये को उठाकर देख रहे हैं। नीलाभ वक्ष पर रह-रहकर कौस्तुभमणि झूलने
गांव के सरकारी स्कूल में संस्कृत की क्लास चल रही थी। गुरूजी दिवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे।
हल्दुआ ग्राम में जब सूरज की किरण पड़ती है तो दूर-दूर फैले झोपड़े दिखाई देने लगते हैं मानो वे खेत
कार्तिक की कहानियाँ सत्यवान की कहानी
*एक दादी और एक पोती थी, जो रोज सत्यवान की कहानी सुनती थीं। लोटे
एक दिन बाल कृष्ण एक वृक्ष के नीचे बैठे वासुरी बजा रहे थे, तभी उनकी नजर यमुना किनारे खड़े एक
एक गोपी को श्रीकृष्ण का बहुत विरह हो रहा था। सारी रात विरह में करवटे बदलते ही बीती। सुबह ब्रह्म
खरमास को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है. भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड
पुराने समय में एक राजा था। राजा के पास सभी सुख-सुविधाएं और असंख्य सेवक-सेविकाएं हर समय उनकी सेवा उपलब्ध रहते