
भक्त के लिए भगवान धरते हैं कैसे रूप
भक्त के लिए भगवान धरते हैं कैसे-कैसे रूप…… श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण
भक्त के लिए भगवान धरते हैं कैसे-कैसे रूप…… श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण
एक हृदय शल्य चिकित्सक अपनी कार को नियमित मरम्मत के लिए मैकेनिक के पास ले गए। वह आमतौर पर मैकेनिक
महाभारत का युद्ध चल रहा है,और महाराज युधिष्ठिर ईश्वर उपासना का समय है, यह कहकर कहीं अज्ञात स्थान की ओर
।। ‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर
ब्रज के मन्दिरों में एक अनोखी परंपरा है। जब वहां कोई भक्त मन्दिर के विग्रह के लिए माला लेकर जाता
मन को पुण्य में प्रवृत्त रखना यही मानव जीवन का सबसे बड़ा पुरुषार्थ है। एक बहुत अमीर सेठ थे। एक
इस संसार के रास्ते पर हम सब अजनबी हैं।घड़ीभर का मिलना है, फिर रास्ते अलग हो जाते हैं। घड़ीभर साथ चल
एक प्रसिद्ध साधवी हुई हैं! जवानी में वह बहुत ही खूबसूरत थी। एक बार चोर उसे उठाकर ले गए और
जय श्री राम
किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन
मूर्तिकार की अनुभूति गर्भगृह में प्रवेश करते ही मूर्ति की आभा बदल गई रामलला की मूर्ति बनते हुए देखनें रोज