बेटी ने वचन निभाया
रामशरण जी और दयाशंकर बचपन के दोस्त थे। कृष्ण सुदामा जैसी दोस्ती थी उनकी।रामशरण जी बहुत बड़े जमींदार,कई कारखाने,जमीन के
रामशरण जी और दयाशंकर बचपन के दोस्त थे। कृष्ण सुदामा जैसी दोस्ती थी उनकी।रामशरण जी बहुत बड़े जमींदार,कई कारखाने,जमीन के
वृंदावन की गली में एक छोटा सा मगर साफ़ सुथरा,सजा संवरा घर था। एक गोपी माखन निकाल रही है और
राधे राधे कृष्ण कन्हैया की वंशी का स्वर केवल गोपियों को ही क्यों सुनाई देता था। ब्रज में गोप-ग्वाल नंदबाबा
उत्तर प्रदेश में कृष्ण या गोपाल गोविन्द इत्यादि नामों से जानते हैं राजस्थान में श्रीनाथजी या ठाकुरजी के नाम से
।।श्रीहरिः।। रासलीला के श्रम से व्यथित राधाजी की भगवान् द्वारा यह सेवा किए जाने के कारण इस स्थान का नाम
संतो की कृपा जिस पर हो जाए उसे फिर क्या नहीं मिल सकता, अकबर जैसे बादशाह पर कृपा हुई तो
विविध जनश्रुतियों एवं कपोल कल्पित तथा मनगढ़न्त कथाओं के आधार पर नित नई कहानियाँ खड़ी होती रहती हैं। इनमें से
माता पार्वती शिवजी की केवल अर्धांगिनी ही नहीं शिष्या भी बनीं। शिवजी से अनेक विषयों पर चर्चा करतीं।एक दिन पार्वतीजी
महामुनी व्यास को नदी के उस पार जाना था ,और वे नाव के प्रशिक्षा कर रहे थे,कि इतने में वहां
एक भक्त इमली के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान् का भजन कर रहा था। एक दिन वहाँ नारद जी महाराज