रामायण में उरमिला का विस्वास
मेघनाद से युद्ध करते हुए जब लक्ष्मण जी को शक्ति लग जाती है और श्री हनुमानजी उनके लिये संजीवनी का
मेघनाद से युद्ध करते हुए जब लक्ष्मण जी को शक्ति लग जाती है और श्री हनुमानजी उनके लिये संजीवनी का
एक बार एक सखी का नया-नया विवाह वृंदावन में हुआ, उसने कभी श्याम सुन्दर को देखा नहीं था। उसकी सास
एक गांव में भागवत कथा का आयोजन किया गया, पंडित जी भागवत कथा सुनाने आए। पूरे सप्ताह कथा वाचन
वृंदावन में एक भक्त रहते थे जो स्वभाव से बहुत ही भोले थे। उनमे छल, कपट, चालाकी बिलकुल नहीं थी।
एक बुढ़िया बड़ी सी गठरी लिए चली जा रही थी। चलते-चलते वह थक गई थी। तभी उसने देखा कि एक
एक बार भगवान् शंकर पार्वतीजी के साथ नन्दी पर सवार होकर जा रहे थे। यह समझाने के लिये
संत एकनाथ बहुत परोपकारी थे। वे महान संत थे लेकिन उनके आचरण, व्यवहार और वाणी में कोई दिखावा नहीं था।
एक उच्च कोटि के संत के श्री मुख से हमने सुना वो कह रहे थे….हमने 10 साल की आयु मे
एक राजा थे। उसके पास एक बड़े विद्वान् पण्डित आया करते थे। वे प्रतिदिन राजा को कथा सुनाते थे। उनको
एक जुलाहा और एक ब्राह्मण की आपस में गहरी मित्रता थी। दोनों वैष्णव थे। और आपसी बैठक में