ब्रजरज की महिमा का बखान
श्री ब्रजभूमि प्रेममयी है। श्री ब्रजरज प्रेम प्रदाता है। श्री युगलकिशोर की कृपा से जिस देह में ब्रजरज लिपट गयी
श्री ब्रजभूमि प्रेममयी है। श्री ब्रजरज प्रेम प्रदाता है। श्री युगलकिशोर की कृपा से जिस देह में ब्रजरज लिपट गयी
.एक बार श्री हरि ( विष्णु ) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई। वे उचित
“*इतना शौक मत रखो,वृन्दावन की गलियों में जाने का सही में रास्ता नहीं है,वापस आने का भगवान श्रीकृष्ण का,निजधाम ‘श्रीवृन्दावन-
वृन्दावन धाम का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व ब्रज चौरासी कोस में, चारगाम निजधाम।वृन्दावन अरू मधुपुरी, बरसानो नन्दगाम॥ श्रीवृन्दावन, मथुरा और
बहुत सारे लोग हैं जो वृन्दावन में होते हुए भी वृन्दावन में नहीं होते और बहुत सारे लोग हैं जो
जिनमें से पाँच प्रयाग तो गढ़वाल, उत्तराखण्ड में ही हैं ! प्रयाग जब यह शब्द किसी आम व्यक्ति के