निरखहिं राम रूप अनुरागीं।।
।। नमो राघवाय ।। जुबतीं भवन झरोखन्हि लागीं।निरखहिं राम रूप अनुरागीं।। कहहिं परसपर बचन सप्रीती।सखि इन्ह कोटि काम छबि जीती।।
।। नमो राघवाय ।। जुबतीं भवन झरोखन्हि लागीं।निरखहिं राम रूप अनुरागीं।। कहहिं परसपर बचन सप्रीती।सखि इन्ह कोटि काम छबि जीती।।
अगर विवाह में भी विलंब हो रहा है या कोई बाधा आ रही है या फिर योग्य जीवनसाथी नहीं मिल
ॐ अस्य श्रीरामदुर्गस्तोत्रमन्त्रस्य कौशिक ऋषिरनुष्टुप्छन्दःश्रीरामो देवता रां बीजं नमः शक्ति रामाय कीलकम् श्रीराम प्रसादसिद्धि द्वारा मम सर्वतो रक्षापूर्वक नाना प्रयोग
सुमिरन कर ले मना सुमिरन कर ले मना,छिन छिन राधारमणा।हरि गुरु दोई अपना,गहु इनकेई शरना।यह जग मायका मना,जाना होगा घर
अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम्।नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।। इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा।सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान्।। मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा।तान् नमस्यामहं
अस्य श्री अर्गला स्तोत्र मंत्रस्य विष्णुः ऋषिः। अनुष्टुप्छंदः। श्री महालक्षीर्देवता। मंत्रोदिता देव्योबीजं। नवार्णो मंत्र शक्तिः। श्री सप्तशती मंत्रस्तत्वं श्री जगदंदा
पितृ पक्ष का प्रारंभ इस वर्ष २९ सितंबर दिन शुक्रवार भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से हो रहा है, जो १४ अक्टूबर
ॐ अस्य श्री आपदुद्धारक हनुमत् स्तोत्र महामन्त्र कवचस्य, विभीषण ऋषिः, हनुमान् देवता, सर्वापदुद्धारक श्रीहनुमत्प्रसादेन मम सर्वापन्निवृत्त्यर्थे, सर्वकार्यानुकूल्य सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।।
भोलेनाथ – परम वैष्णव शिव यानि मंगल या कल्याणकारी, वे शंकर, शम्भू, महादेव, महेश रूद्र आदि नामों से भी पुकारे
जिसमें वैराग्य नहीं वह साधक कैसा
जब बालक जन्मता है, तब वह माँ-बाप, भाई-बहन आदि किसीको भी नहीं पहचानता । उसका किसीके साथ भी सम्बन्ध नहीं