
श्रीगणेशकीलकस्तोत्रम्
।। ।। दक्ष उवाच।गणेशकीलकं ब्रह्मन् वद सर्वार्थदायकम्।मन्त्रादीनां विशेषेण सिद्धिदं पूर्णभावतः।।१।। मुद्गल उवाच।कीलकेन विहीनाश्च मन्त्रा नैव सुखप्रदाः।आदौ कीलकमेवं वै पठित्वा जपमाचरेत्।।२।।

।। ।। दक्ष उवाच।गणेशकीलकं ब्रह्मन् वद सर्वार्थदायकम्।मन्त्रादीनां विशेषेण सिद्धिदं पूर्णभावतः।।१।। मुद्गल उवाच।कीलकेन विहीनाश्च मन्त्रा नैव सुखप्रदाः।आदौ कीलकमेवं वै पठित्वा जपमाचरेत्।।२।।

गजाननाय गांगेयसहजाय सदात्मने।गौरीप्रिय तनूजाय गणेशायास्तु मंगलम्।। नागयज्ञोपवीदाय नतविघ्नविनाशिने।नंद्यादि गणनाथाय नायकायास्तु मंगलम्।। इभवक्त्राय चेंद्रादि वंदिताय चिदात्मने।ईशानप्रेमपात्राय नायकायास्तु मंगलम्।। सुमुखाय सुशुंडाग्रात्-क्षिप्तामृतघटाय च।सुरबृंद

“नानक नाम चढदी कला, तेरे भाणे सरबत दा भला”……! आनंद-कंद (नाम-सिमरन) जब रथ पर थे, तब तो आनंद-धाम था, रथ

दरिद्रता और ऋण के भार से दु:खी व संसार की पीड़ा से व्यथित मनुष्यों के लिए प्रदोष पूजा व व्रत

🌸 प्रार्थना🌸 हे देवाधिदेव महादेव, शिव शंकर, हम सभी अबोध बालक-बालिकाएं आपको बारंबार प्रणाम करते हैं।* हे भोलेनाथ! काल की

हरि की दिव्य विभूति अमित है, है अनन्त उनका विस्तार।बता रहे हैं उनमें से कुछ जो प्रधान हैं सबमें सार।।हूँ
गुरुपूर्णिमा पर गुरु रामदास जी परम सिध्द सन्त रामदास जी जब प्रार्थना करते थे तो कभी उनके होंठ नही हिलते

शिवलिंग में विराजते हैं तीनों देव:-सबसे निचला हिस्सा जो नीचे टिका होता है वह ब्रह्म है, दूसरा बीच का हिस्सा

परमात्मा चिंतन के अनेक मार्ग है,किंतु हम जैसे गृहस्थ लोगो के लिए नाम जप सबसे सहज,सरल और तीव्र लाभ देने

राजकुमारी कार्विका सिंधु नदी के उत्तर में कठगणराज्य की राजकुमारी थी । राजकुमारी कार्विका बहुत ही कुशल योद्धा थी। रणनीति