
प्रभु राम आएंगे- उन्हें आना ही होगा
।। नमो राघवाय ।। भगवान श्रीराम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि
।। नमो राघवाय ।। भगवान श्रीराम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि
1. वाक् सिद्धि : जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, वह वचन कभी व्यर्थ न जाये,
दुर्जन को सज्जन बनाने की कला क्या शत्रु को मित्र बनाने की कला
*पापी को पुण्य आत्मा बनाने
गणितज्ञ “लीलावती” का नाम हममें से अधिकांश लोगों ने नहीं सुना है, उनके बारे में कहा जाता है कि वो
“पीली साड़ी गले में कृष्ण भगवान की कंठमाला…, आज के युग की यशोदा मां” शायद आप लोग इन्हें नहीं जानते
आज मै आपको भगवान शरभेश्वर की कथा सुनाता हूं, जो शिव महापुराण ‘शत रूद्र संहिता’ में वर्णित है।जब भगवान विष्णु
।।श्रीहरिः।। नामजप से जो लाभ होता है वह वर्णनातीत है।मुझे लगता है शास्त्रों और संतों ने जो नाम महिमा का
दक्षिण में एक भक्त हुए उनका नाम धनुदास था। प्रारम्भ में वे हेमाम्बा नाम की वेश्या के रूप पर मुग्ध
मेरे सांवरे नित्त ध्यान धरूँ चित्त से हित से,उर गोविन्द के गुण गाया करूँ।वृंदावन धाम में श्याम सखा,मन ही मन
नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।।१।। अर्थ-हे मोक्षस्वरूप, विभु, व्यापक, ब्रह्म और वेदस्वरूप, ईशान दिशा के ईश्वर