
।। श्रीहनुमद्रक्षास्तोत्रम् ।।
प्रणम्य श्रीगणेशं च श्रीरामं मारुतिं तथा।रक्षामिमां पठेत्प्राज्ञः श्रद्धाभक्ति समन्वितः।।१।। शिरो मे हनुमान् पातु भालं पवननन्दनः।आञ्जनेयो दृशौ पातु रामचन्द्रप्रियश्रुती।।२।। घ्राणं पातु

प्रणम्य श्रीगणेशं च श्रीरामं मारुतिं तथा।रक्षामिमां पठेत्प्राज्ञः श्रद्धाभक्ति समन्वितः।।१।। शिरो मे हनुमान् पातु भालं पवननन्दनः।आञ्जनेयो दृशौ पातु रामचन्द्रप्रियश्रुती।।२।। घ्राणं पातु

भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि जो जन्म लेता है

हिमालय कृत शिव स्तोत्र हिमालय द्वारा रचित भगवान शिव की महिमा में एक दिव्य राग है। हिमालय पर्वतों का मानवीकरण

शिव का एक भीषण शूल जिसे अर्जुन ने तपस्या करके प्राप्त किया था। महाभारत का युद्ध हुआ, उसमें भगवान् शंकर

उपहरणं विभवानां संहरणं सकलदुरितजालस्य।उद्धरणं संसाराच्चरणं वः श्रेयसेऽस्तु विश्वपतेः।। भिक्षुकोऽपि सकलेप्सितदाता प्रेतभूमिनिलयोऽपि पवित्र:।भूतमित्रमपि योऽभयसत्री तं विचित्रचरितं शिवमीडे।। अर्थ-समस्त ऐश्वर्यो को प्रदान

दरिद्रता और ऋण के भार से दु:खी व संसार की पीड़ा से व्यथित मनुष्यों के लिए प्रदोष पूजा व व्रत

।। ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः।कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः।।१।। नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः।नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो

ऐसी बात नहीं है कि अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का

प्रार्थना *हे जगत के आधार! हे ब्रह्मा!हे विष्णु! हे परमसत्ता शिव!आप हम पर अनंत-अनंत कृपा बरसाते हो! हम पात्र हो

श्याम बाबा की कहानी महाभारत काल से संबंधित है। श्याम बाबा(बर्बरीक) भीम और हिडिम्बा के पौत्र थे। उनके पिता का