
बैलोंकी चोट संतपर
श्रीकेवलरामजी ऐसे ही थे। श्रीकृष्णके नयन शरके लक्ष्य ये हो चुके थे। श्रीकृष्णके अतिरिक्त इनकी आँखोंमें और कोई था ही

श्रीकेवलरामजी ऐसे ही थे। श्रीकृष्णके नयन शरके लक्ष्य ये हो चुके थे। श्रीकृष्णके अतिरिक्त इनकी आँखोंमें और कोई था ही

वचन देकर उसका पालन न करनेसे नीच योनि प्राप्त होती है प्राचीन कालकी बात है, दो व्यक्ति आपसमें बहुत अच्छे

औरंगजेबकी आज्ञासे गुरु तेगबहादुरकी दिल्लीमें नृशंसतापूर्वक हत्या कर दी गयी। बादशाहको इतनेसे संतोष नहीं हुआ। उसने आज्ञा दी – ‘इस

भगवान् ऋषभदेवने विरक्त होकर वनमें जाते समय अपने सौ पुत्रोंमें ज्येष्ठ पुत्र भरतको राज्य दिया था। दीर्घ कालतक भरत पृथ्वीके

राजा बननेका योग मूलतः ज्योतिषशास्त्र कर्तव्यशास्त्र और व्यवहारशास्त्र है। इस बातकी सत्यता ज्ञात करनेके लिये किसी राजाने विद्वान् ज्योतिषियों एवं

अनेक बार तनिक सी असावधानी दारुण दुःखका कारण हो जाती है। बहुत से कार्य ऐसे हैं, जिनमें नाममात्रकी असावधानी भी

सेठ रमणलाल भगवान् के भक्त तथा साधुस्वभावके थे ।। एक बार रसोइयाने भूलसे हलुएमें चीनीकी पुरुष जगह नमकका पानी बनाकर

महाराज दिलीप और देवराज इन्द्रमें मित्रता थी। बुलानेपर दिलीप एक बार स्वर्ग गये| लौटते समय मार्गमें कामधेनु मिली; किंतु दिलीपने

महर्षि गौतमके आश्रम में कई शिष्य रहते थे। वे आश्रममें विद्याध्ययन करते हुए गुरुकी गृहकार्यमें मदद भी करते थे। इसी

प्राचीन कालमें विदुला नामको एक अत्यन्त बुद्धिमती एवं तेजस्विनी क्षत्राणी थीं। उनका पुत्र संजय युद्धमें शत्रुसे पराजित हो गया था।