
गरुड, सुदर्शनचक्र और रानियोंका गर्व-भङ्ग
एक बार भगवान् श्रीकृष्णने गरुडको यक्षराज कुबेरके सरोवरसे सौगन्धिक कमल लानेका आदेश दिया। गरुडको यह अहंकार तो था ही कि

एक बार भगवान् श्रीकृष्णने गरुडको यक्षराज कुबेरके सरोवरसे सौगन्धिक कमल लानेका आदेश दिया। गरुडको यह अहंकार तो था ही कि

शम्स तबरेज जय हिन्दुस्तान आये तब हिन्दूकुशके पास उनको एक महात्मा मिले। महात्माने उनको आत्मस्वरूपका उपदेश किया। तदनन्तर शम्स पंजाब

परमहंस रामकृष्णदेवके भक्त शिष्य डा0 दुर्गाचरण नाग आदर्श पुरुष । एक समय वे अपने देशमें थे। पुआलसे छाये हुए घरकी

विनम्रता फटे कपड़े पहने धीरे-धीरे कदम रखते हुए बका-सा एक बूढ़ा रेस्त्राके अन्दर आया। किसी बेटा उसकी ओर ध्यान नहीं

एक छन्दमें चार पातिव्रत्य – प्रसंग बिंदिया चाहे तो निज सत से, रवि को राह भुला सकती है। यम के

सरदार पटेलकी कर्तव्यनिष्ठा सरदार पटेल अदालतमें एक फौजदारी मुकदमेकी पैरवी कर रहे थे। मामला गम्भीर था, उनकी जरा सी असावधानी

करमान देशके राजा बड़े भक्त और ईश्वर विश्वासी थे। उनके एक परम भक्तिमती सुन्दरी कन्या थी। राजाने निश्चय किया था

फ्रान्सका राजा हेनरी चतुर्थ एक दिन पेरिस नगरमें अपने अङ्गरक्षकों तथा उच्चाधिकारियोंके साथ कहीं जा रहा था। मार्गमें एक भिक्षुकने

सुशील नामके एक ब्राह्मण थे। उनके दो पुत्र थे। बड़ेका नाम था सुवृत्त और छोटेका वृत्त। दोनों युवा थे। दोनों

गांधीजीने जब दक्षिण अफ्रीकामें आश्रम खोला था, तब अपना सर्वस्व वहाँके आश्रम अर्थात् देशवासियोंको दे दिया। गोकी नामकी इनकी बहिन