
संयम मनुष्यको महान् बनाता है
अपने अध्ययनके दिनोंमें नेपोलियनको एक बार अक्लोनी नामक स्थानमें एक नाईके घर रहना पड़ा था। नेपोलियन बहुत सुन्दर युवक थे

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रोगी कौन नहीं है ? जीवनकी साधना सफल होनेके लिये सबसे पहली बात शरीरकी तन्दुरुस्ती है। तन्दुरुस्त शरीर ही साधना

एक विद्वान् पुरुष ग्रन्थरचना करनेमें लगे थे। एक निर्धन विद्यार्थीकी सहायता करनेकी इच्छासे उन्होंने उसे अपना लेखक बना रखा था।

बहुत पहलेकी बात है कोई नरोत्तम नामका ब्राह्मण था। उसके घरमें माँ-बाप थे। तथापि वह उनकी परिचर्या न कर तीर्थयात्राके

बाजीराव प्रथम उर्फ बाजीराव बल्लाल पेशवा और निजाम उल मुल्कके बीच सन् 1728 में गोदावरीके किनारे लड़ाई हुई। मराठे जीत

भक्त भानुदास सदैव हरिभजनमें रमे रहते। जबतक माता-पिता जीवित रहे, भानुदासकी पत्नी तथा बाल बच्चोंका पालन-पोषण करते रहे; पर उनके

इटलीके क्रेसिन नामक किसानने अपने उद्योगके बदौलत इतनी अच्छी पैदावार की कि लोगोंको अत्यन्त आश्चर्य होने लगा। उन्होंने सोचा- निश्चय

‘का भाषा का संस्कृत’ केरलमें ‘पूंतानम नंपूतिरि’ नामक एक महान् सन्त कवि हो गये हैं। एक दिन वे अपनी एक

लगभग सोलह सौ साल पहलेकी बात है। चीन देशके चांगनान राज्यमें इतिहासप्रसिद्ध फाहियानने जन्म लिया था; उसका बचपनका नाम कुंग

बादशाह संतके पास उपदेश लेने पहुँचे थे। संतने पूछा- ‘तू रेगिस्तानमें भटक जाय, प्यासके मारे मर रहा हो और उस