
सहनशीलता
भगवान् बुद्ध किसी जन्ममें भैंसेकी योनिमें थे। जंगली भैंसा होनेपर भी बोधिसत्त्व अत्यन्त शान्त थे उनके सीधेपनका लाभ उठाकर एक

भगवान् बुद्ध किसी जन्ममें भैंसेकी योनिमें थे। जंगली भैंसा होनेपर भी बोधिसत्त्व अत्यन्त शान्त थे उनके सीधेपनका लाभ उठाकर एक

किसी राजाने एक जगह अपना महल बनवाया। उसके बगलमें एक गरीब बुढ़ियाकी झोंपड़ी थी। झोंपड़ीका धुआँ महलमें जाता था, इसलिये

सन् 1927 में ‘स्टूडेंट्स वर्ल्ड फेडरेशन’ का अधिवेशन मैसूरमें हुआ। अमेरिकाके रेवरेंड मॉट् उसके अध्यक्ष थे। वे जब भारत आये

डॉक्टर हो तो ऐसा सन् 1938 ई0 की बात है, चीन और जापानमें लड़ाई चल रही थी। चीनकी पीली नदीके

4- ‘दशमस्त्वमसि’ [ दसवें तुम्हीं हो! ] दस जवान किसी समय दूसरे गाँव जा रहे थे। रास्तेमें एक बड़ी नदी

महाराणा संग्रामसिंह स्वर्ग पधारे। मेवाड़के सिंहासनके योग्य उनका ज्येष्ठ पुत्र विक्रमादित्य सिद्ध नहीं हुआ। राजपूत सरदारोंने उसे शीघ्र सिंहासनसे उतार

एक बार भक्त चतुर्भुजदासजी अपने गुरुके साथ | ; कहीं तीर्थयात्रा करने जा रहे थे। पर उनका मन जानेका नहीं

शब्दों में शक्ति-संचार डॉक्टर हेडगेवारजीके शब्द बड़े सरल होते थे, किंतु ऐसी महान् आत्माओंद्वारा उच्चरित शब्दोंमें अप्रतिकार्य शक्तिका संचार हो

एक बार देवर्षि नारदजी महीसागर संगममें स्नान करने पधारे। उसी समय वहाँ बहुत से ऋषि-मुनि भी आ पहुँचे। नारदजीने उनसे

परमात्माका वास एक युवक घर-गृहस्थीसे दुखी होकर अपने परिवारको छोड़कर निकल पड़ा। वह एक महात्माके पास पहुँचा और बोला- ‘मैं