
मधुर विनोद
एक मुसलमान भक्त थे। उनका नाम अहमदशाह था। उन्हें प्रायः भगवान् श्रीकृष्णके दर्शन होते रहते थे। अहमदशाहसे ये विनोद भी

एक मुसलमान भक्त थे। उनका नाम अहमदशाह था। उन्हें प्रायः भगवान् श्रीकृष्णके दर्शन होते रहते थे। अहमदशाहसे ये विनोद भी

फारसके राजा साइरसने राजा क्रोसियसको बंदी बना लिया। साइरस बड़े दानी और उदार थे। उनके राज्यमें गरीबी और विवशताका नाम

वनवासमें पाण्डव जब काम्यक वनमें थे, तब श्रीकृष्णचन्द्र सात्यकि आदिके साथ उनसे मिलने गये थे। उस समय उनके साथ सत्यभामाजी

स्वामी विवेकानन्दके जीवनके कतिपय प्रेरक-प्रसंग (डॉ0 श्रीसुरेशचन्द्रजी शर्मा, एम0एससी0 (एजी0), पी-एच0डी0) अलवरके महाराजके साथ भेंट एक निर्भय जीवन स्वामी विवेकानन्द

विद्यालय और गुरु किसी समय डेनमार्कके एक प्रसिद्ध मूर्तिकारसे उनके एक युवा प्रशंसकने सवाल किया-‘महोदय ! आपने इतनी अच्छी मूर्ति

कहते हैं कि सिकन्दर अपने मित्रोंको अत्यन्त प्यार करता था। पर उसकी मातृभक्ति इतनी प्रबल थी कि वह उनसे हजारगुना

गोबर और गोमूत्रमें लक्ष्मीका निवास एक समयकी बात है, लक्ष्मीने मनोहर रूप धारण करके गौओंके झुण्डमें प्रवेश किया, उनके सुन्दर

पहले पात्रता, तब दीक्षा एक बार एक धनी वणिक्ने एक महात्मासे दीक्षादेनेका अनुरोध किया। साधुने बात टालनेका प्रयत्न किया, किंतु

काश्मीरके हिंदू नरेश अपनी उदारता, विद्वत्ता और न्यायप्रियता के लिये बहुत प्रसिद्ध हुए हैं। उनमेंसे महाराज चन्द्रापीड उस समय गद्दीपर

महात्मा नूहको दीर्घायु मिली थी ! पूरे एक हजार वर्षतक वे जीवित रहे, अन्तमें उनका शरीर छूटा और वे स्वर्ग