
दानका फल
प्रतिष्ठानपुर-नरेश सातवाहन आखेटको निकले और सैनिकोंसे पृथक् होकर वनमें भटक गये। वनमें भटकते भूखे-प्यासे राजा सातवाहन एक भीलकी झोपड़ीपर पहुँच

प्रतिष्ठानपुर-नरेश सातवाहन आखेटको निकले और सैनिकोंसे पृथक् होकर वनमें भटक गये। वनमें भटकते भूखे-प्यासे राजा सातवाहन एक भीलकी झोपड़ीपर पहुँच

दशार्ण देशमें एक राजा रहता था वज्रबाहु वज्रबाहुकी पत्नी सुमति अपने नवजात शिशुके साथ किसी असाध्य रोगसे ग्रस्त हो गयी।

पशुओंपर क्रूरतासे अनिष्टकी प्राप्ति सवाई माधोपुर जिलेमें खण्डार तहसीलके बालेर ग्रामकी घटना है। वहाँके रहनेवाले शर्माजी, जो अंग्रेजीके व्याख्याता थे,

खाना ही नहीं, पचाना भी चाहिये हनुमानसिंह दक्षिणेश्वर मन्दिरमें रक्षकके कार्यपर नियुक्त थे। दरबान होनेपर भी हनुमानसिंहकी बड़ी प्रसिद्धि थी;

अपने लिये क्या माँगूँ ? द्वितीय महायुद्धतक यहूदियोंके देशका कहीं कोई 1 अस्तित्व नहीं था, वह सर्वप्रथम सन् 1948 ई0

ग्रीसमें किलेन्थिस नामक एक युवक एथेंसके तत्त्ववेत्ता जीनोकी पाठशालामें पढ़ता था। किलेन्थिस बहुत ही गरीब था। उसके बदनपर पूरा कपड़ा

अछूत कौन ? एक बार प्रेम-भूमि श्रीवृन्दावनमें यमुनाजीके पवित्र तटपर कुछ साधु बैठे हुए थे। उनकी धूनी जल रही थी

श्रीवृन्दावनधामके बाबा श्रीश्रीरामकृष्णदासजी महाराज हेही उच्चकोटिके महापुरुष थे। आप गौड़ीय सम्प्रदायके महान् विद्वान्, घोर त्यागी, तपस्वी संत थे। आप प्रातःकाल

अठारहवीं शताब्दीके इटली देशके प्रसिद्ध संत अलफान्सस लिग्योरी अपने पूर्वाश्रममें वकीलका काम करते थे। एक समयकी बात है। वे न्यायालयमें

एक बार जब भगवान् श्रीराघवेन्द्र अपने दरबारमें विराज रहे थे, तब एक उलूक और एक गृध्र उनके चरणोंमें उपस्थित हुए