
एकताका सूत्र है- सहनशीलता
एकताका सूत्र है- सहनशीलता जापानके राजा यामोता धर्मात्मा तथा उदार हृदयके शासक थे। वे प्रजाजनोंके सुख-दुःखमें हमेशा सहभागी बननेका प्रयास

एकताका सूत्र है- सहनशीलता जापानके राजा यामोता धर्मात्मा तथा उदार हृदयके शासक थे। वे प्रजाजनोंके सुख-दुःखमें हमेशा सहभागी बननेका प्रयास

रूस और जापानका युद्ध चल रहा था। पिछले महासमरकी बात नहीं कही जा रही है। रूस था जारका सम्राज्यवादी रूस

(7)अपनेको बड़ा न समझें रामकृष्ण परमहंसके दो शिष्य इस बातपर झगड़ा करने लगे कि उनमें कौन बड़ा है ? झगड़ा

श्री अवध में सरयूके किनारे एक महात्मा थे। वे एक ऊँचे मचानपर रहते थे। वे किसीसे बोलते नहीं थे। जब

पंजाब केसरी महाराज रणजीतसिंह कहीं जा रहे थे। अकस्मात् एक ढेला आकर उनको लगा। महाराजको बड़ी तकलीफ हुई। साथी दौड़े

किसी वस्तुको रखने या हटा देनेके सम्बन्धमें बहुत सोच-समझकर निर्णय करनेसे बड़े से बड़ा लाभ होते देखा गया है। बहुत

किसी वृक्षपर एक उल्लू बैठा हुआ था। अचानक एक हंस उड़ता हुआ उस वृक्षपर आ बैठा। हंस स्वाभाविक रूपमें बोला-‘उफ्!

श्रीराममिश्रजी महात्मा पुण्डरीकाक्षीको सेवामें गये। बोले—’भगवन्। मेरे मनमें स्थिरता नहीं है। इसका कारण मैंने यह निश्चय किया है कि मेरी

एक महात्मा जंगलमें कुटिया बनाकर एकान्तमें रहते थे। उनके अक्रोध, क्षमा, शान्ति, निर्मोहिता आदि गुणोंकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई

‘इंगलैंड नैपोलियन बोनापार्टकी निरंकुशता नहीं सह सकता है। माना, फ्रेंच क्रान्तिकारियोंने समता, स्वतन्त्रता और बन्धुताका प्रकाश फैलाया, पर नैपोलियनने अपनी