
परलोक में देवलोक की प्राप्ति किसको होती है ?
( परलोक में देवलोक की प्राप्ति देविक मनोवृतियों के निर्माण एवं धारण करने पर ही होती है और आत्मा का

( परलोक में देवलोक की प्राप्ति देविक मनोवृतियों के निर्माण एवं धारण करने पर ही होती है और आत्मा का

ठाकुर जी का बहुत प्यारा भक्त था जिसका नाम अवतार था।वह छोले बेचने का काम करता था। उसकी पत्नी रोज

🙏।।ॐ॥॥ॐ।।🙏 एक गोपी कहती है-उद्धव! एक बात कहें! आज हम धन्य हो गई हैं क्योंकि एक तो तुम्हे हमारे प्यारे

🙏ॐ🙏 गोपियों की बात सुनकर उद्धव की आँखों से आज आंसू आ गए हैं। उद्धव अब जान गए हैं की

ये पत्थर 6 करोड़ साल पुराने है…..हो सकता है ये पत्थर 6 करोड़ साल से अभिशप्त हो और मुक्ति के

यह कथा ‘भक्तमाल’ ग्रन्थ से ली गई है, अत: इसके पात्र और स्थान सत्य घटना पर आधारित हैं ।बूंदी नगर

सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।।भगवान शिव और माता सती देवी की असीम

बहुत समय पहले की बात है। किसी नगर में एक बेहद प्रभावशाली महंत रहते थे। उनके पास शिक्षा लेने हेतु

विश्वके भक्तोंमें भक्तप्रवर श्रीप्रह्लाद और ध्रुवकी भक्ति, प्रेम, सहिष्णुता अत्यन्त ही अलौकिक थी। दोनों प्रातःस्मरणीय भक्त श्रीभगवान्के विलक्षण प्रेमी थे।

मैंने अपने शहर को इतना विह्वल कभी नहीं देखा! तीन से चार लाख लोग सड़क किनारे हाथ जोड़े खड़े हैं।अयोध्या