
भगवान जगन्नाथ साक्षात कृष्ण हैं,
।। भगवान जगन्नाथ ।। भगवान जगन्नाथ साक्षात् श्रीकृष्ण हैं, सबकुछ बदलने के बाद भी ईश्वर जो सतयुग, त्रेता और द्वापर

।। भगवान जगन्नाथ ।। भगवान जगन्नाथ साक्षात् श्रीकृष्ण हैं, सबकुछ बदलने के बाद भी ईश्वर जो सतयुग, त्रेता और द्वापर

बहुत समय पहले की बात है।हिमालय की एक चोटी पर, घने बादलों और रहस्यमय धुंध के बीच एक गुप्त गुफा

गणेश जी का विवाह रिद्धि-सिद्धि के साथ हुआ था और शुभ-लाभ उनके दो पुत्र हुए। हिंदू धर्म की पौराणिक कथा

एक संत के बाबत मैंने सुनी है एक कहानी। यूरोप में एक फकीर हुआ, उसके बाबत बहुत सी कहानियां हैं,

मां पुत्र से अनेक विषय पर बात करती हैं मां देखती पुत्र मे पुत्र नहीं है। जिस पुत्र को मै

वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम, बुद्धवार, 16 अप्रैल, 2025विक्रमी संवत 2082, शक संवत 1947वैशाख माह कृष्ण पक्षनक्षत्र: अनुराधा राहु कालम:
एक बार एक किशोर ग्वाला अपनी गायों को चराने के लिए नदी के किनारे-किनारे उस जंगल में ले गया जहाँ

सुदामा के भाग्य में ‘श्रीक्षय’ लिखा हुआ था,श्रीकृष्ण ने वहां उन अक्षरों को उलटकर ‘यक्षश्री’ श्रीकृष्ण और सुदामा की मैत्री

एक ऋषि यति-मुनि एक समय घूमते-घूमते नदी के तट पर चल रहे थे। मुनि को मौज आई। हम

ना जन्म हमारी मर्जी से होता है ना ही मृत्यु तो जन्म मृत्यु के बीच होने वाली व्यवस्था हमारी मर्जी