
🙏 संत प्रणाम का फल 🙏
एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को

एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को

.5 साल का बच्चा :- माँ प्यार और लव मैं क्या फर्क है।.माँ:- मैँ तुम से जो करती हूँ वो

. श्रीहितकिशोरीशरण बाबाजी (सूरदास बाबा)(वृन्दावन) ‘भैया ! मेरे मन में ऐसी आवे कि विश्व को कुत्ता हू दुःखी न होय,

राधा जी की कृपा चन्दन वृंदावन की ब्रज भूमि में रहने वाला अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। दिन भर

. एक बार देवर्षि नारदजी की एक ब्राह्मण से मुलाकात हुई। ब्राह्मण ने उनसे जाते हुए पूछा–’मुनिवर अब आप कहाँ

.17वीं शताब्दी का समय था। हिन्दुस्तान में मुगल शासकों का अत्याचार, लूटमार बढ़ती ही जा रही थी। हिन्दुओं को जबरन

जैसे हम फटे-पुराने या सड़े-गले कपड़ों को छोड़ देते हैं और नए कपड़े धारण करते हैं, वैसे ही पुराने शरीरों

डॉक्टर प्राणजीवन मेहता गांधीजीके मित्रोंमेंसे थे। रेवाशंकर जगजीवनदास इनके भाई थे। पहले गांधीजी जब बम्बई जाते तब प्रायः इनके ही

एक बारकी बात है। एक संतके पास एक धनवान्ने रुपयोंकी थैली खोलकर उसे स्वीकार करनेकी प्रार्थना की। संतने उत्तर दिया

दो यात्री कहीं जा रहे थे। मार्गमें ही सूर्यास्त हो गया। रात्रि विश्रामके लिये वे पासके गाँवमें पहुँचे। वहाँके पटेलके