
ग्रामीणकी ईमानदारी
एक धनी व्यापारी मुसाफिरीमें रात बितानेके लिये किसी छोटे गाँवमें एक गरीबकी झोंपड़ीमें ठहरा। वहाँसे जाते समय वह अपनी सोनेकी

एक धनी व्यापारी मुसाफिरीमें रात बितानेके लिये किसी छोटे गाँवमें एक गरीबकी झोंपड़ीमें ठहरा। वहाँसे जाते समय वह अपनी सोनेकी

वास्तविक स्वरूपसे परिचय एक गाँवमें गोपाल नामका चरवाहा बालक रहता था। वह प्रतिदिन अपनी भेड़ोंको चरागाहमें ले जाकर, सारे दिन

श्रीजीव गोस्वामीजीके समयकी बात है। उनके प्रेमी एक महात्मा कदमखंडीमें बैठे श्रीराधा-माधवकी मधुर लीलाका ध्यान कर रहे थे। उनको दिखायी

उससे वसन्त रूठ गया एक बगीचा शहरके बीचमें था। हरी घासका उसमें बहुत बड़ा लान था और चारों तरफ भाँति-भाँति

लगभग ढाई सौ वर्ष पहलेकी बात है। बादशाह मुहम्मदशाहके खास-कलम – मीर – मुंशी थे कविवर घनानन्द। वे व्रजरसके महान्

सीखनेकी धुन यह घटना सन् 1947 ई0 के आस-पासकी है। लेस्टर वण्डरमैन नामक युवक न्यूयॉर्ककी एक विज्ञापन एजेंसीमें काम कर

संस्कारोंका बालमनपर प्रभाव सत्य एवं सदाचारका पालन करनेमें सत्संगकी तरह बाल्यकालके संस्कारोंका भी बड़ा हाथ होता है। एक साधुको एकबार

भलाईके लिये झूठ अच्छा एक बादशाहने एक कैदीको मौतकी सजा सुनायी। सजा सुनते ही कैदी बादशाहको गालियाँ देने लगा। चूँकि

सन् 1916 की बात है। लखनऊ में कांग्रेसका महाधिवेशन था। गांधीजी उसमें सम्मिलित होने आये थे। वहाँ राजकुमार शुक्लद्वारा किसानोंकी

एथेनियन कवि एगोथनने अपने यहाँ एक बार एक विशाल भोजका आयोजन किया था। इस व्यक्तिको ग्रीक थियेटरमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त