
एक “राम” नाम हज़ार दिव्य नामों के समान है
जय श्री राम जय जय राम महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती

जय श्री राम जय जय राम महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती

।। ।। रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से मानी जाती है। इस बारे में पुराण में एक कथा प्रचलित

एकबार किसी गांव में सत्संग करने के लिए बाबाकबीर जी और बाबा सूरदास जीदोनो गये शाम को सत्संग में दोनो

भारतीय धार्मिक साहित्य के अमर ग्रंथ (सूरसागर) के रचयिता श्री सूरदास जी का जन्म दिल्ली के सन्निकट सीही ग्राम में

7 मार्च 1679 ई0 की बात है, ठाकुर सुजान सिंह अपनी शादी की बारात लेकर जा रहे थे, 22 वर्ष

श्याम बाबा की कहानी महाभारत काल से संबंधित है। श्याम बाबा(बर्बरीक) भीम और हिडिम्बा के पौत्र थे। उनके पिता का

सुबह सुबह उस गोपी के यहाँ नन्दनन्दन पहुँच गए।कई दिनों से इसकी इच्छा थी।इसनें मनोरथ किया था कि मेरे घर

जैसे छाया कूप की, बाहरि निकसै नाहिं।जन रज्जब यूँ राखिये, मन मनसा हरि माहि।। वैसे हरि में मन को लगाये

श्यामसुंदर श्री कृष्ण गले में वैजन्तीमाला पहनते हैं। क्यों ? यह माला पचरंगी है। पाँच इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने

मुक्त पुरुष का किसी चीज से कोई आग्रह नहीं है, कि ऐसा ही होगा तो ही मैं सुखी रहूंगा। जैसा