तुलसी माता को अब दिवाली बाद ही छुएं
वर्ना नहीं मिलेगा माता लक्ष्मी का आशीर्वाद।
तुलसी के आठ नाम का नित्य पाठ करने से जीवन में से सभी कष्ट दूर हो जाते है और अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता हैं।
1-वृन्दा, 2-वृन्दवनी,3 -विश्वपुजिता,4- विश्वपावनि,5- पुष्पसारा, 6-नन्दिनी, 7-तुलसी,8- कृष्णजीवनी ।
भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को पूजा में प्रतिदिन वैष्णव जन तुलसी चढ़ाते हैं और मंदिर में आ रहे भक्तों को तुलसी का पानी चरणामृत के रूप में बांटते हैं। माता तुलसी को वृंद भी कहते हैं जो श्रीहरि को बहुत ही प्रिय है। यह साक्षात माता लक्ष्मी का भी रूप हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में तुलसी का पत्ता भी लगता है। लेकिन यदि आप धनतेरस या दिवाली पर तुलसी का पत्ते तोड़ेंगे तो पाप लगेगा। आखिर क्यों? आओ जानते हैं।
22 अक्टूबर 2022 को धनतेरस की तिथि प्रारंभ हो जाएगी। उदयातिधि के अनुसार धनतेरस 23 अक्टूबर को मनाएंगे। 22 अक्टूबर को तुलसी का पत्ता इसलिए नहीं तोड़ सकते हैं क्योंकि इस दिन एकादशी भी रहेगी और द्वादशी भी। 21 को एकादशी प्रारंभ होगी जो 22 अक्टूबर तक रहेगी।
23 अक्टूबर को तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ सकते क्योंकि उस दिन रविवार रहेगा और रविवार को तुलसी माता को तोड़ना पाप माना जाता है। क्योंकि माता तुलसी एकादशी और रविवार को उपवास रखती हैं।
24 अक्टूबर 2022 दिवाली के दिन तुलसी का पत्ता इसलिए नहीं तोड़ सकते क्योंकि इस दिन अमावस्या रहेगी और अमावस्या के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने से ब्रह्म हत्या का पाप लगता है।
25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रहेगा उस दिन ग्रहण के बाद तुलसी का पत्ता तोड़कर जल में डालते हैं लेकिन उस दिन भी तुलसी नहीं तोड़ सकते क्योंकि उस दिन अमावस्या तिथि भी रहेगी।
अब सवाल यह उठता है कि फिर तुलसी कब तोड़ें? इसके लिए आप 20 अक्टूबर को ही तुलसी के पत्तों का चयन करके पहले ही रख लें और उनका उपयोग समयानुसार करें। तुलसी के तोड़े गए पत्तों का उपयोग आप 10 दिनों तक कर सकते हैं।
|| तुलसी महारानी की जय हो |
Now touch Tulsi Mata only after Diwali Otherwise you will not get the blessings of Goddess Lakshmi. By regularly reciting the eight names of Tulsi, all the troubles in life are removed and the fruits of Ashwamedha Yagya are obtained.
1-Vrinda, 2-Vrindavani,3 -Vishwapoojita,4- Vishwapavani,5- Pushpasara, 6-Nandi, 7-Tulsi,8- Krishnajivani.
Every day Vaishnavas offer Tulsi to Lord Vishnu and Shri Krishna in worship and distribute Tulsi water in the form of Charanamrit to the devotees coming to the temple. Mother Tulsi is also called Vrinda which is very dear to Shri Hari. She is also the form of Goddess Lakshmi. Tulsi leaves are also used in Lakshmi Puja on Diwali. But if you break Tulsi leaves on Dhanteras or Diwali then you will incur a sin. But why? Come let’s know.
The date of Dhanteras will start on 22 October 2022. According to Udayatidhi, Dhanteras will be celebrated on 23 October. Tulsi leaves cannot be plucked on 22 October because Ekadashi will remain on this day as well as Dwadashi. Ekadashi will start on 21st and will continue till 22nd October.
Tulsi leaves cannot be plucked on 23 October because that day will be a Sunday and breaking Tulsi Mata on Sunday is considered a sin. Because Mata Tulsi keeps fast on Ekadashi and Sunday.
On 24 October 2022 Diwali, one cannot pluck a Tulsi leaf because there will be a new moon on this day and breaking a Tulsi leaf on the new moon day incurs the sin of killing Brahma.
There will be a solar eclipse on October 25, after the eclipse, after the eclipse, pluck a Tulsi leaf and put it in water, but on that day also Tulsi cannot be broken because Amavasya date will also be there on that day.
Now the question arises that when to pluck Tulsi then? For this, after selecting basil leaves on October 20, keep them in advance and use them according to time. You can use the broken basil leaves for 10 days.
, Hail to Tulsi Maharani.