हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏
मनुष्य का धर्म तो एक ही है वो है उसका सत्य धर्म
सभी मनुष्य में एक ही सत्य आत्मा है।
इसलिए
सभी मनुष्य का धर्म सत्य है।
सभी को सत्य ही चाहिए,
सबकी मांग सत्य की ही है।
सत्य हवा,पानी,बेटा,पति,पत्नी,धन ज़मीन जायदाद कोठी बंगले ,सोना चांदी हीरे मोती,गाड़ियां बिजली पानी सूर्य चन्द्रमा तारे फ़ूल फल साग सब्जी सबकुछ सत्य की ही चाहिए
कोई भी मट्टी की या प्लास्टिक के
धन दौलत , अन्न जल वस्त्र साग सब्जी फल मेवा दवाईयां औषधि,बेटा,पति पत्नी आदि नहीं लेना चाहेगा सबकी मांग सत्य की ही है।
इसलिए
सबका धर्म एक सत्य सनातन का है।
लेकिन
यहां सबने अपने अपने धर्म बना लिए
बोध धर्म जैन धर्म सिख धर्म इस्लाम धर्म ईसाई धर्म
ये सब धर्म लड़ाई झगड़े, दंगे फसाद करवाते हैं।
अलगाव पैदा करते हैं।
हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई आदि जात पात में बांटते हैं।
लोग धर्म की दुहाई देकर मनुष्य की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। सब धर्मों ने अपने अपने धर्म मजहब सम्प्रदाय बना कर एक ग्रुप,गेंग मंडली बना ली
जिनसे सब अपने अपने भगवान,अपने अपने गुरू बन गये
इन सबके गिरोह में भोली भाली जनता फंस गई
लेकिन
इन्होंने धर्म के आचार्य,जो गुरु बन बैठे
सत्य के बारे में बताया नहीं
खुद भगवान बनकर बैठ गये
सत्य धर्म कभी नहीं सिखाता के आपस में बैर करो
पर जिसने अपने अपने धर्म बना लिए
वो ही आपस में लड़ाई, झगड़े दंगे,नफरत,भेद भ्रम पैदा करवा रहे हैं।
इसलिए
होश में आओ
सबका परमात्मा एक सनातन धर्म एक हैं ।
वहां कोई जात,पात मजहब, परम्परा नहीं
जात नहीं जगदीश की
पूछ लीजिए ज्ञान
मोल करो तलवार का पड़ी रहने दो म्यान
धर्म न दूसर सत्य समाना