शान्ति सबसे बड़ा धन है। हम जीवन भर भटकते रहते हैं। हमे शान्ति नहीं मिलती है। आज हम इस विकट परिस्थिति में शान्ति की खोज करते हैं। हम घरों में रहते हुए शांति की तरफ बढे। हमने बहुत सुख भोगे अनेक कार्य किये हम दौडते रहे और हमारी इच्छाएं बढती रही हम अपने आप को शान्त नहीं कर पाये। हमारी थाली में दो तीन सब्जी सलाद है यह मायने नहीं रखते हैं। मायना एक ही है हमारी थाली में शान्ति है कि नहीं। जिस थाली में शान्ति परोसी जाती है वहीं उत्तम भोजन है। हम खुब घुम कर खा पीकर तृप्ति नहीं हो सकते हैं। दिल मे अद्भूत आनंद हो। हर परिस्थिति में समझौता प्रेम समर्पित भाव हमारे अन्तर्मन में समा जाए। हम तृप्त होगें तो शान्ति से तृप्त होंगे। हमारे घर चमके चाहे न चमके हमारे दिलों की चमक से परिवार रोशन हो। जय श्री राम अनीता गर्ग
Peace is the greatest wealth. We wander throughout our lives. We do not get peace. Today we seek peace in this critical situation. We moved towards peace while staying at home. We enjoyed many pleasures, we did many things, we kept running and our desires kept increasing, we could not calm ourselves. It doesn’t matter if we have two or three vegetable salads on our plate. The only question is whether there is peace in our plate or not. The plate on which peace is served is the best food. We cannot be satisfied by eating and drinking a lot. May there be wonderful joy in your heart. In every circumstance, the feeling of uncompromising love and dedication should be absorbed in our heart. If we are satisfied, we will be satisfied with peace. May our homes shine or not, the family may be illuminated by the brightness of our hearts. Jai Shri Ram Anita Garg