आप ईश अनुग्रह संपन्न गौरवशाली, सदा परिपूर्ण, अमर आत्मा, अद्भुत सामर्थ्यशाली , ज्ञान की शक्ति हैं। इसे नित्य अनुभव करें । इसका अनुभव अपने वचन और कार्य में प्रकट करें।अपने स्वभाव में रहें ।यह सदैव स्मरण रहे की आप ईश्वर के अभिन्न अंग हैं ।
You are God’s gracious, glorious, ever-perfect, immortal soul, wonderfully powerful, the power of knowledge. Experience it regularly. Express this experience in your words and deeds. Be in your nature. Always remember that you are an integral part of God.