रोगनाशक देवी मन्त्र:।।

अगर रोग में औषधि और पथ्य के साथ साथ इन मंत्रों का उपयोग करने से जल्दी लाभ होता है।

1- ॐ उं उमा-देवीभ्यां नमः। इस मन्त्र से मस्तक-शूल (headache) तथा मज्जा-तन्तुओं (Nerve Fibres) की समस्त विकृतियाँ दूर होती है – ‘पागल-पन’(Insanity, Frenzy, Psychosis, Derangement, Dementia, Eccentricity)तथा ‘हिस्टीरिया’ (hysteria) पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

🔸2- ॐ यं यम-घण्टाभ्यां नमः।इस मन्त्र से नासिका (Nose) के विकार दूर होते हैं।

3- ॐ शां शांखिनीभ्यां नमः। इस मन्त्र से आँखों के विकार (Eyes disease) दूर होते हैं । सूर्योदय से पूर्व इस मन्त्र से अभिमन्त्रित रक्त-पुष्प से आँख झाड़ने से ‘फूला’ आदि विकार नष्ट होते हैं।

🔸4- ॐ द्वां द्वार-वासिनीभ्यां नमः। इस मन्त्र से समस्त ‘कर्ण-विकार’ (Ear disease) दूर होते हैं।

🔸5- *ॐ चिं चित्र-घण्टाभ्यां नमः।इस मन्त्र से ‘कण्ठमाला’ तथा कण्ठ-गत विकार दूर होते हैं।

🔸6- ॐ सं सर्व-मंगलाभ्यां नमः। इस मन्त्र से जिह्वा-विकार (tongue disorder) दूर होते हैं । तुतलाकर बोलने वालों (Lisper) या हकलाने वालों (stammering) के लिए यह मन्त्र बहुत लाभदायक है।

🔸7- ॐ धं धनुर्धारिभ्यां नमः‌।

इस मन्त्र से पीठ की रीढ़ (Spinal) के विकार (backache) दूर होते है । This is also useful for Tetanus.

🔸8- ॐ मं महा-देवीभ्यां नमः। इस मन्त्र से माताओं के स्तन विकार अच्छे होते हैं। कागज पर लिखकर बालक के गले में बाँधने से नजर, चिड़चिड़ापन आदि दोष-विकार दूर होते हैं।

🔸9- ॐ शों शोक-विनाशिनीभ्यां नमः। इस मन्त्र से समस्त मानसिक व्याधियाँ नष्ट होती है। ‘मृत्यु-भय’ दूर होता है। पति-पत्नी का कलह-विग्रह रुकता है। इस मन्त्र को साध्य के नाम के साथ मंगलवार के दिन अनार की कलम से रक्त-चन्दन से भोज-पत्र पर लिखकर, शहद में डुबो कर रखे। मन्त्र के साथ जिसका नाम लिखा होगा, उसका क्रोध शान्त होगा।

🔸10- ॐ लं ललिता-देवीभ्यां नमः। इस मन्त्र से हृदय-विकार (Heart disease) दूर होते हैं।

🔸11- ॐ शूं शूल-वारिणीभ्यां नमः। इस मन्त्र से ‘उदरस्थ व्याधियों’ (Abdominal) पर नियन्त्रण होता है। प्रसव-वेदना के समय भी मन्त्र को उपयोग में लिया जा सकता है।

🔸12- ॐ कां काल-रात्रीभ्यां नमः। इस मन्त्र से आँतों (Intestine) के समस्त विकार दूर होते हैं। विशेषतः ‘अक्सर’, ‘आमांश’ आदि विकार पर यह लाभकारी है।

🔸13- ॐ वं वज्र-हस्ताभ्यां नमः। इस मन्त्र से समस्त ‘वायु-विकार’ दूर होते हैं। ‘ब्लड-प्रेशर’ के रोगी के रोगी इसका उपयोग करें।

🔸14- ॐ कौं कौमारीभ्यां नमः। इस मन्त्र से दन्त-विकार (Teeth disease) दूर होते हैं। बच्चों के दाँत निकलने के समय यह मन्त्र लाभकारी है।

🔸15- ॐ गुं गुह्येश्वरी नमः। इस मन्त्र से गुप्त-विकार दूर होते हैं। शौच-शुद्धि से पूर्व, बवासीर के रोगी १०८ बार इस मन्त्र का जप करें। सभी प्रकार के प्रमेह विकार भी इस मन्त्र से अच्छे होते हैं।

🔸16- ॐ पां पार्वतीभ्यां नमः। इस मन्त्र से ‘रक्त-मज्जा-अस्थि-गत विकार’ दूर होते हैं। कुष्ठ-रोगी इस मन्त्र का प्रयोग करें।

🔸17- ॐ मुं मुकुटेश्वरीभ्यां नमः। इस मन्त्र से पित्त-विकार दूर होते हैं।अम्ल-पित्त के रोगी इस मन्त्र का उपयोग करें।

🔸18- *ॐ पं पद्मावतीभ्यां नमः।

इस मन्त्र से कफज व्याधियों पर नियन्त्रण होता है।

🔸विधिः-उपर्युक्त मन्त्रों को सर्व-प्रथम नवरात्रि अथवा किसी अन्य पर्व-काल में रुद्राक्ष माला से 10 माला जप कर सिद्ध कर लेना चाहिये। फिर प्रतिदिन जब तक विकार रहे, 1माला जप करें अथवा सुविधानुसार अधिक-से-अधिक जप करें। विकार दूर होने पर ‘कुमारी-पूजन, ब्राह्मण-भोजन आदि करें।



If using these mantras along with medicine and diet in disease, there is quick benefit.

1- Om Om Uma-Devibhyan Namah. This mantra removes headache and all disorders of nerve fibers – ‘Insanity’ (Frenzy, Psychosis, Derangement, Dementia, Eccentricity) and ‘hysteria’. It also has its effect.

🔸2- Om Yam Yama-Ghantabhya Namah.This mantra removes the disorders of the nose.

3- ॐ Sham Shankhinibhya Namah. This mantra removes eye diseases. Wiping the eyes with blood flowers invoked with this mantra before sunrise destroys disorders such as ‘flower’

🔸4- ॐ Dvam Dwara-vasinibhya Namah. This mantra removes all ‘Ear disease’.

🔸5- *Om Chim Chitra-Ghantabhya Namah.This mantra removes ‘Kanthamala’ and throat disorders.

🔸6- ॐ Sam Sarva-mangalabhya Namah. This mantra removes tongue disorder. This mantra is very beneficial for those who speak with a stutter (Lisper) or stammering.

🔸7- ॐ Dham Dhanurdharibhya Namah.

Spinal disorders (backache) go away with this mantra. This is also useful for Tetanus.

🔸8- OM OM MAHA-DEVIBHYAM NAMAH. This mantra is good for breast disorders of mothers. Writing on paper and tying it around the child’s neck removes eye, irritability and other defects.

🔸9- ॐ Shom Shok-Vinashinibhya Namah. This mantra destroys all mental diseases. The ‘fear of death’ is removed. The quarrel between the husband and wife stops. Write this mantra with the name of the object on Tuesday with a pomegranate pen on a feast paper with red sandalwood and dip it in honey. Whose name is written with the mantra, his anger will be calmed.

🔸10- OM LAM LALITA-DEVIBHYAM NAMAH. This mantra removes heart disease.

🔸11- OM SHUM SHUL-VARINIBHYAM NAMAH. This mantra controls ‘Abdominal diseases’. The mantra can also be used during labor pains.

🔸12- ॐ Kam Kala-ratribhya Namah. This mantra removes all disorders of the intestines. It is especially beneficial on disorders like ‘frequency’, ‘diarrhoea’.

🔸13- ॐ वं Vajra-hastabhya Namah. This mantra removes all ‘air-disorders’. Patients with ‘blood-pressure’ patients should use it.

🔸14- ॐ Kaum Kaumaribhya Namah. This mantra removes teeth disease. This mantra is beneficial when children have teeth.

🔸15- ॐ Gum Guhyeshwari Namah. This mantra removes secret disorders. Before cleansing, the patient with hemorrhoids should chant this mantra 108 times. All types of diarrhea disorders are also good with this mantra.

🔸16- ॐ Pam Parvatibhya Namah. This mantra removes ‘blood-marrow-bone disorders’. Use this mantra for lepers.

🔸17- ॐ Mum Mukuteshwaribhya Namah. This mantra removes bile disorders. Patients with acid bile should use this mantra.

🔸18- *Om Pm Padmavatibhya Namah.

This mantra controls phlegm diseases.

🔸 Method:- The above mentioned mantras should be proved first by chanting 10 rosaries with Rudraksh rosary during Navratri or any other festival. Then chant 1 rosary every day as long as the disorder persists or chant as much as possible according to your convenience. After the disorder is removed, do ‘Kumari-worship, Brahmin-food etc.’

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