प्रार्थना

प्रार्थना ईश्वर के प्रति अंतर आत्मा से निकली हुई पुकार है, इस पुकार में बनावटीपन नहीं होता है।

हृदय की गहराई से निकली हुई पुकार कभी भी निष्फल नहीं होती क्योकि इसमें गहन आस्था और प्रबल विश्वास होता है, और इसका परिणाम हमेशा सकारात्मक होता है।

हमारे प्राचीन ग्रंथो में भक्तो के द्वारा की गयी अंतरात्मा की पुकार और ईश्वर द्वारा उस पुकार के प्रत्युतर के कई उदाहरण है।

जब ये पुकार द्रोपदी, मीरा, प्रहलाद, आदि के श्रद्धा, आस्था व विश्वास से भरे हृदय से निकली तो भगवान ने उनकी सहायता की।

जब व्यक्ति मन और वाणी को एक करके विश्वास के साथ किसी सकारात्मक मनोकामना के लिए प्रार्थना करता है तो ईश्वर उस पवित्र ह्रदय से निकली हुई प्रार्थना को स्वीकार करता है।

प्रार्थना के माध्यम से व्यक्ति पर ईश्वरीय प्रेम और कृपा की वृष्टि होती है, यह कृपा वृष्टि व्यक्ति को कष्टों से छुटकारा दिलाती है और सही मार्गदर्शन प्रदान करती है।

प्रार्थना व्यक्ति के मन को नियंत्रित करती है, उसके चित्त की शुद्धि करती है, चेतना परिष्कृत और विकसित होती है।
प्रार्थना देवत्व की अनुभूति का श्रेष्ठ माध्यम
है।

सच्ची श्रद्धा तथा विश्वास से युक्त प्रार्थना करने से ह्रदय में शान्ति की धारा प्रवाहित होती है तथा आत्मा में आनंद की वृष्टि होती है।

व्यक्ति की शुभ और कल्याणकारी कामना अवश्य पूर्ण होती है।

अंतःकरण को मलीन बनाने वाली कुत्सित भावनाओ तथा स्वार्थ एवं संकीर्णताओं से छुटकारा मिलता है।

शरीर स्वस्थ तथा परिपुष्ट, मन सूक्ष्म तथा उन्नत और आत्मा पवित्र तथा निर्मल हो जाती है।

दुःख के स्थान पर सुख का आनंद प्राप्त होता है।
प्रार्थना व्यक्ति में यह भाव उत्पन्न करती है कि वह समस्या का सामना करने के लिए अकेला नहीं है बल्कि उसके साथ दिव्य शक्ति भी है।

भिन्न-भिन्न धर्म के अनुयायी भिन्न-भिन्न तरीकों से प्रार्थना करते हैं परन्तु सभी धर्मो में प्रार्थना का एक ही लक्ष्य है ईश्वर से निकटता, उसका सानिध्य, उसकी कृपा दृष्टि और उसका मार्गदर्शन प्राप्त करना।

प्रार्थना करने के लिए किसी निश्चित औपचारिकता की आवश्यकता नहीं है। प्रार्थना के लिए कुछ समय तक शांत होकर बैठे, अपने मन को ईश्वरीय सत्ता पर केन्द्रित कीजिये।

ईश्वर से सरल और स्वाभाविक तरीके से बात करिए क्योंकि उससे बात करने के लिए औपचारिक शब्दों की आवश्यकता नहीं है।
प्रार्थना करते समय आश्वस्त होइए कि ईश्वर आपके साथ है और वह आपकी सहायता कर रहा है।

वह आपकी ओर दिव्य शक्ति प्रवाहित कर रहा है,शुभाशीष दे रहा है तथा आपकी कल्याणकारी प्रार्थना को स्वीकार कर रहा है।

प्रार्थना से दिन की शुरुआत करने से व्यक्ति के मन में उत्साह,उल्लास व आत्मविश्वास भर जाता है..!!
🙏🙏🏿🙏🏾जय श्री राम जय श्री कृष्ण🙏🏽🙏🏼🙏🏻



Prayer is a call to God emanating from the inner soul, there is no artificiality in this call.

A cry emanating from the depth of the heart never fails because it involves deep faith and strong belief, and its result is always positive.

In our ancient texts, there are many examples of the call of conscience made by the devotees and the response of that call by God.

When this call came from the hearts full of devotion, faith and belief of Draupadi, Meera, Prahlad, etc., God helped them.

When a person unites his mind and speech and prays for a positive desire with faith, then God accepts the prayer emanating from that pure heart.

Through prayer, divine love and grace is showered upon the person, this shower of grace relieves the person from sufferings and provides right guidance.

Prayer controls a person’s mind, purifies his mind, and consciousness is refined and developed. Prayer is the best medium to experience divinity Is.

By praying with true devotion and faith, a stream of peace flows in the heart and there is a shower of joy in the soul.

The auspicious and welfare wishes of a person are definitely fulfilled.

One gets rid of the evil feelings that pollute the conscience, as well as selfishness and narrow-mindedness.

The body becomes healthy and strong, the mind becomes subtle and elevated and the soul becomes pure and pure.

In place of sorrow one gets the joy of happiness. Prayer creates a feeling in the person that he is not alone in facing the problem but he also has divine power with him.

Followers of different religions pray in different ways, but the goal of prayer in all religions is the same: to get close to God, to be in His company, to receive His blessings and His guidance.

There is no need for any specific formality to pray. For prayer, sit quietly for some time and concentrate your mind on the divine power.

Talk to God in a simple and natural way because there is no need for formal words to talk to Him. When praying, be assured that God is with you and that He is helping you.

He is flowing divine power towards you, giving you good wishes and accepting your welfare prayers.

Starting the day with prayer fills a person’s mind with enthusiasm, joy and confidence..!! 🙏🙏🏿🙏🏾Jai Shri Ram Jai Shri Krishna🙏🏽🙏🏼🙏🏻

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