आंसू मोती हैं

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दिल की तङफ जब बढ जाती है, तुम चुपके से आते हो,

भगवान् से मिलन की तङफ में, बहाया हुआ हर आंसू मोती हैं।

मोतियों का हार मै भगवान को अर्पण करती हूँ।

  दिल की तङफ जब बढ जाती है, तुम चुपके से आते हो,

अहसास दिला जाते हो। प्रीत की रीत को सच्ची कर जाते हो। हर स्पर्श अपना बना जाते हो। दिल मे उमंग भर जाते हो।

प्रेम जागृत होता है होश खो बैठे हैं ।

सांवरे तुम आये, आकर चले गए।

सांवरे दिल की हम कह न पाये, दिल की किसे बताऊ, दिल किसे दिखाऊ दिल पागल है दिल रोता है।

मेरे प्रियतम तुम आना, आकर दिल को चुराना एक भक्त की अभिलाषा यही प्यारे के प्यार में लीन हो जाऊं


जय श्री राम अनीता गर्ग

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