दिल के भाव

lord g412942a04 6402866816073518904746

हे प्रभु प्राण नाथ हे परमात्मा  मै तुम्हारे ह्दय के अन्दर में बैठ जाऊगी ।हे परमात्मा  मैने तो अपना दिल खोल कर आपके सामने रख दिया प्रभु अब आपकी मर्जी आप इसे अपनाओ या ठुकराओ दिल है कि ये आपसे दूर जाना नहीं चाहता। क्योंकि दिल में स्वामी भगवान् नाथ का प्रेम समाया है। दिल  को तो एक ही आसरा है। दिल का ओर कोई ठिकाना नहीं है। दिल अपने स्वामी भगवान् नाथ की याद में बरस रहा है। दिल कहता है कि मेरी पुकार को कभी तो मेरे स्वामी सुनेंगे। नहीं तो ये दिल की आंखों से बरसे आंसू बाढ ले आएगे उस बाढ को बचाने के लिए परम पिता परमात्मा को प्रकट होना होगा। प्रेम में बहे आंसू को रोकने की ताकत इस जगत के किसी प्राणी में नहीं है। क्योंकि सच्चा प्रेम प्राणी परमात्मा से ही करता है। हे परमात्मा जी आज ये दिल तुमसे एक विनती करना चाहता है कि ये दासी तुम्हारे भाव में वन्दन चिन्तन में खोई रहे दिल की हर धड़कन तुम्हारी पुकार बन जाए। जय श्री राम अनीता गर्ग



Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *