तेरे पावन अहसासों से
पुलकित जीवन सारा
सांसारिक प्रेम परे
पावन प्रीत हमारा
समर्पित तूझ पर ही
अब जीवन सारा
अंजुरी में लिये पुष्प प्रेम
का खड़ी मैं तेरे द्वारे
स्वीकार करो भेंट
तर जाये जीवन सारा
सूना सा मन का कोना
प्रीत बसाया तू ही
तन मन सारा
निर्झरणी सी इन नयनों में
स्वपन सजाया तू ही
मरूभूमि सी इस जीवन में
वसंत खिलाया तू ही
स्नेह निमंत्रण तूझे प्रभु प्रेम
भाव संग बनाये रखना
इस धरती से उस अंबर तक
बस प्रीत जगाये रखना।।
राधे राधे